
MP News Lifestyle how to care of eyes( फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: कोरोनाकाल के बाद छोटे बच्चों की आंखों की रोशनी तेजी से कमजोर हो रही है। अब 5 साल के बच्चों को भी दूर की चीजें साफ नहीं दिख रहीं, जिससे उन्हें चश्मा लगाना पड़ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, 2020 से पहले जहां 100 में सिर्फ 2-3 बच्चों को चश्मा लगता था, अब ये संख्या 8-10 तक पहुंच गई है।
जेपी हॉस्पिटल भोपाल के डॉक्टरों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम है। पहले बच्चे खेल-कूद में वक्त बिताते थे, लेकिन अब रोने या जिद करने पर उन्हेें मोबाइल दे देते हैं। कई बार तो दूध पिलाने या खाना खिलाने के लिए भी मोबाइल थमा दिया जाता है, जिससे वे दिन में कई घंटे यूट्यूब देखते रहते हैं।
कोरोनाकाल में ऑनलाइन क्लास के लिए बच्चों को स्मार्टफोन दिया गया। धीरे-धीरे यही आदत लत में बदल गई। अब मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर पर ज्यादा समय बिताने से नजर की समस्या तेजी से बढ़ रही है और चश्मे का नंबर भी बढ़ रहा है।
● साल में एक बार आंखों की जांच जरूर कराएं।
● बच्चों को फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार दें।
● 9-10 घंटे की नींद पूरी करवाएं।
● हर 20-30 मिनट में 20 सेकंड तक 20 फीट दूर की चीजें देखने को कहें।
● आंखों को रगड़ने से बचाएं और चश्मा समय पर लगवाएं।
बढ़ता स्क्रीन टाइम मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) और हाइपरोपिया (दूर दृष्टि दोष) की समस्या बढ़ा रहा है। ये स्थिति तब होती है जब आंखों में प्रकाश सही तरह से रेटिना पर फोकस नहीं हो पाता।
डॉ. निशा मिश्रा, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जेपी हॉस्पिटल
Published on:
16 Aug 2025 08:37 am
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