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एमपी का दूसरा कॉमन फैसिलिटी सेंटर विदिशा में, Hi Tech होंगे छोटे उद्यमी

MP News: एमएसएमई विभाग कृषि उपकरण बनाने वालों को देगा मदद, आलीराजपुर में प्रदेश का पहला सेंटर, जिनके उत्पादों की मांग ज्यादा, उन्हें मिलेगा बड़ा फायदा...

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MP News (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: मध्य प्रदेश में छोटी इकाइयां चलाने वाले परंपरागत कारीगरों और उद्यमियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। ऐसे स्थान जहां पर बड़ी संख्या में एक ही क्षेत्र से जुड़ी छोटी इकाइयां हैं वहां कारीगरों या उत्पादकों के लिए कॉमन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की सुविधा उपलब्ध कराने का काम शुरू हो गया है। इस सेंटर में उनके लिए आधुनिक मशीनरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मध्यप्रदेश में अब दूसरा कॉमन फेसिलिटी सेंटर विदिशा में कृषि संबंधी उपकरण बनाने वालों के लिए शुरू होने जा रहा है। एमएसएमई विभाग ने इसके लिए 10 करोड़ का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया है। इसके पहले आलीराजपुर में सीएफसी बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। इससे परंपरागत कारीगरों का कौशल भी बचा रहेगा और इनका उत्पादन बढ़ने के साथ उसमें सुधार भी होगा। एमएसएमई विभाग केन्द्र के सहयोग से यह सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

आलीराजपुर सीएफसी को केंद्र से 7.55 करोड़ रुपए

आलीराजपुर में लोहे के पलंग, अलमारी आदि सहित सभी प्रकार का फर्नीचर बनाने की छोटी 60 से अधिक इकाइयां हैं। इनका संचालन सालों से हो रहा है इससे आसपास के क्षेत्रों में इनकी काफी मांग है। इसके लिए जल्द यहां पर 9.58 करोड़ रुपए की लागत से कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 7.55 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसके साथ राज्य सरकार 43 लाख और स्थानीय उद्यमियों को मिलाकर बनाई गई एसपीवी 59 लाख रुपए देगी। सीएफसी में आधुनिक रोबोटिक प्लांट बनाया जाएगा। इसमें इन कारीगरों का अधिकांश काम मशीनों से जल्दी हो जाएगा। इसके बाद वे अपने हिसाब से उत्पादों की असेंबलिंग कर सकेंगे।

अभी उद्यमियों के सामने ये दिक्कतें

ऐसे कारीगर जो कई पीढ़ियों से एक ही काम करते आ रहे हैं। इनके उत्पादों की काफी मांग रहती है लेकिन वे उसे पूरा नहीं कर पाते। वे सभी काम बिना बड़ी मशीनों के अपने हाथ से ही कर रहे हैं। इससे उनका उत्पादन कम होता है और फिनिशिंग भी उतनी अच्छी नहीं आ पाती। इनकी मदद के लिए ही कॉमन फेसिलिटी सेंटर शुरू होंगे।

विदिशा का इसलिए चयन

विदिशा में 50 से अधिक छोटी इकाइयों द्वारा कृषि उपकरण बनाए जाते हैं लेकिन यह परंपरागत तौर पर चली आ रही छोटी इकाइयों में बनाए जा रहे हैं। इसलिए उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाता है। इसके लिए यहां कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाकर उन्हें इन उपकरणों को बनाने के लिए आधुनिक मशीनरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

क्लस्टरों में भी सीएफसी बनाने चल रहे प्रयास

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप के अनुसार केंद्र सरकार से वर्तमान क्लस्टरों में कॉमन फेसिलिटी सेंटर की जो सहायता मिलती है, वह संभावना वाले क्लस्टरों को नहीं मिल पा रही है। सरकार ऐसे क्लस्टरों को चिह्नित कर यहां के उद्यमियों को भी कम खर्च में अत्याधुनिक मशीनों और मार्केटिंग आदि की सुविधाएं दिलाने की दिशा में प्रयास कर रही है।

एसपीवी करेगी संचालन

कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाने और उसमें अत्याधुनिक मशीनरी लगाने का काम एमएसएमई विभाग की तरफ से किया जाएगा। इसके बाद यहां के उद्यमियों को मिलाकर एक स्पेशल पर्पज व्हीकल या एसपीवी का गठन किया जाएगा। यह एसपीवी ही इस सेंटर का संचालन करेगी। इसमें उपलब्ध सुविधाओं की न्यूनतम शुल्क भी यह एसपीवी ही तय करेगी। इसका मेंटेनेंस भी यही देखेगी। एसपीवी बाद में विभाग की मदद से इसका विस्तार भी कर सकती है।

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