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शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान, बोले- ‘मंत्री तो आते और जाते रहते हैं मामा परमानेंट है..’

MP News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होते हैं तो लोकसभा, विधानसभा चुनाव में साढे़ चार लाख करोड़ रुपए खजाने से खर्च होता है

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shivraj singh chouhan

MP News: केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल के एक निजी कॉलेज में वन नेशन-वन इलेक्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान छात्रों ने खड़े होकर कृषि मंत्री का तालियों से स्वागत किया और मामा-मामा के नारे लगाए।

'मामा परमानेंट है'- शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वैसे भी यहां कौन सा मंत्री आया है। मंत्री तो आते और जाते रहते हैं मामा परमानेंट है। इसलिए यहां मामा ही आया है। आगे उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होते हैं तो लोकसभा, विधानसभा चुनाव में साढे़ चार लाख करोड़ रुपए खजाने से खर्च होता है। यह तो बजट के माध्यम से खर्च होता है, लेकिन पोस्टर, बैनर, सभाएं, हेलिकॉप्टर, गाड़ी, और फिर पैसा चंदा होता है। लाओ चंदा, देश भर से चंदा उगाही चलती है। राजनीतिक दल अलग खर्चा करते हैं। जब अलग खर्चा करते हैं तो फिर पैसा कहां से आएगा एकत्र ही किया जाएगा।

'जनता को लुभाने के लिए फैसले लिए जाते हैं...'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लॉन्ग टर्म में देश की भलाई के जो फैसले होते हैं वो फैसला कोई राजनीतिक दल नहीं लेता। कई बार जनता को लुभाने के लिए फैसले लिए जाते हैं। एक पार्टी कहती है मैं तुम्हारे लिए आसमान के तारे तोड़कर ला दूंगा। दूसरी पार्टी कहती है मैं तारे तोड़कर नहीं लाऊंगा तुम्हारी जेब में ही रख दूंगा। होड लगती है। ये सोचते हैं कि कैसे चुनाव जीतूं? आगे कृषि मंत्री ने कहा कि चुनाव में अकेले पुलिस वालों की ड्यूटी नहीं लगती। वोटर लिस्ट बनना है तो कलेक्टर कहते हैं कि शिक्षकों आ जाओ, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मास्टर, डॉक्टर सब वोटर लिस्ट बनाने में लग जाते हैं। अफसर काम नहीं करते, मास्टर पढ़ाते नहीं। चारों तरफ केवल चुनाव ही चलता है।

12 महीने 365 दिन चुनाव चलते हैं

शिवराज सिंह ने कहा कि अपने देश में कुछ हो न हो लेकिन पांचों साल, 12 महीने 365 दिन नेता चुनाव की तैयारी में लगे रहते हैं। एक चुनाव खत्म नहीं हुआ दूसरा चुनाव आ जाता है। पौने दो साल पहले एमपी, छत्तीसगढ़ राजस्थान के चुनाव हुए उस समय मैं मुख्यमंत्री था जनवरी से सब काम बंद हो गए और चुनाव की तैयारी शुरु हो गई। फिर आचार संहिता लग गई। वो चुनाव हुए उसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। अब कोई काम नहीं हो सकता। लोकसभा के बाद हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र के चुनाव आ गए, वो खत्म नहीं हुए दिल्ली का दंगल शुरु हो गया। अब बिहार में चुनाव शुरु हो गया। बिहार में खत्म होंगे तो बंगाल में चुनाव होंगे। अपने देश में हमेशा 12 महीने और कोई काम हो न हो चुनाव की तैयारी चलती रहती है।

'चुनाव के कारण मैं खेती-बाड़ी का काम नहीं कर पाया'

आगे शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमेशा जब चुनाव होता है तो राजनीतिक दलों का दिमाग केवल चुनाव जीतने में लगा रहता है। मैं भारत का कृषि मंत्री बना लेकिन मैं महाराष्ट्र, झारखंड के चुनाव में लगा रहा। तो मैं खेती-बाड़ी का काम नहीं कर पाया। पार्टी ने आदेश दिया कि चुनाव में जाओ तो मामा तीन महीने कहते रहे कमल के फूल का बटन दबाओ। प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री सांसद विधायक और केवल नेता ही नहीं लगते। अफसरों की भी ड्यूटी लगती है। पुलिस फिर चोरों को नहीं पकड़ती चुनाव की व्यवस्था में लग जाती है। विकास के सारे काम ठप्प हो जाते हैं। अफसरों को बहाना हो जाता है अभी कुछ नहीं हो सकता है अभी तो चुनाव चल रहे हैं। हम लोगों का जो समय देश की प्रगति और विकास में लग सकता है वो केवल चुनाव के प्रचार में लग जाता है।