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एमपी के मसालों के दीवाने हुए लोग, उत्पादन में देश में पहले स्थान पर पहुंचा प्रदेश

spice production खेती किसानी के मामले में मध्यप्रदेश देश में यूं ही नहीं जाना जाता। प्रदेश कई फसलों के उत्पादन में देश में अव्वल है और अब यहां के मसालों के भी लोग दीवाने हो गए हैं।

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खेती किसानी के मामले में मध्यप्रदेश देश में यूं ही नहीं जाना जाता। प्रदेश कई फसलों के उत्पादन में देश में अव्वल है और अब यहां के मसालों के भी लोग दीवाने हो गए हैं। यही कारण है कि मध्यप्रदेश मसाला फसलों के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। बाजार में मसाला फसलों, हल्दी, लहुसन, हरी और लाल मिर्च, अदरक, धनिया, मैंथी, जीरा और सौंफ की फसलों की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे किसान भी मसाला फसलों को लगाने के लिए तेजी से आगे आ रहे हैं। हाल ये है कि पिछले 4 सालों में प्रदेश में मसाला फसलों के उत्पादन में 2 लाख 16 हजार मैट्रिक टन की वृद्धि हो चुकी है।

एमपी में किसानों को कृषि के साथ उद्यानिकी फसलों को भी लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की लगातार कोशिशों के कारण प्रदेश में पिछले साल 13 हजार 110 हैक्टेयर उद्यानिकों फसलों का विस्तार किया गया। प्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों में तो नया रिकार्ड बना डाला। सन 2023-24 में रिकार्ड 8 लाख 32 हजार 419 हैक्टयर में मसाला फसलों की बोनी कर, 54 लाख टन से ज्यादा मसाला फसलों का उत्पादन किया गया।

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मसाला फसलों के लिए बोवनी का रकबा प्रदेश में तेजी से बढ़ा है। 2021-22 में 8 लाख 23 हजार 918 हैक्टेयर में बोवनी की गई थी जोकि 2023-24 में बढ़कर 8 लाख 82 हजार 419 हैक्टेयर हो गई है। मसाला फसलों का कुल उत्पादन 2021-22 में 46 लाख 74 हजार 807 मैट्रिक टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 54 लाख 167 मैट्रिक टन हो गया है। मसाला फसलों से किसान अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

हरी मिर्च के उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। 2020-21 में 50,933 हैक्टेयर में हरी मिर्च बोई गई थी। इसमें 8 लाख एक हजार 971 मीट्रिक टन मिर्च का उत्पादन हुआ था। 2023-24 में मिर्च का रकबा बढ़कर 64 हजार 116 हैक्टेयर तथा उत्पादन 10 लाख 17 हजार 874 मीट्रिक टन हो गया है, जो प्रदेश में कुल मसाला उत्पादन का करीब 16 प्रतिशत है।