
mp tourism: chanderi famous for..?
MP Tourism Chanderi Famous For : मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में है चंदेरी…लेकिन ये महज एक गांव नहीं है, बल्कि एमपी का एक शहर है। एक ऐसी ऐतिहासिक नगरी जहां बुन्देलों और मालवा के सुल्तानों ने शासन किया। उनकी बनवाई गईं कई इमारतें यहां आज भी राजशाही की कहानी सुनाती हैं। महाभारत में भी चंदेरी शहर का जिक्र मिलता है। यहां जानें आखिर क्यों है चंदेरी देश-दुनिया की शान…किन चीजों ने चंदेरी को दिलाई अनूठी पहचान…
ऐतिहासिक स्थलों में गिने जाने वाले चंदेरी का नाम इतिहास में यूं ही दर्ज नहीं हुआ है। बल्कि इतिहास के पन्नों में चंदेरी का खासा महत्व है। यहां 2-4 नहीं बल्कि कई राजाओं, मुगल शासकों का शासन रहा हऐ। इतिहास के पन्नों में गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश की राजशाही हुकूमत का जिक्र मिलता है।
राणा सांगा ने चंदेरी को महमूद खिलजी से जीता था। जब सभी प्रदेशों पर मुगल शासक बाबर का हक था, तो 1527 में एक राजपूत सरदार ने चंदेरी पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद चंदरी की बागडोर जाट पूरनमल के हाथों में आ गई थी। अंत में शेरशाह द्वारा छल से पूरनमनल से चंदेरी के किले पर कब्जा कर लिया गया था। चंदेरी शहर में 9वीं और 10वीं सदी के कई जैन मंदिर स्थित हैं। इनके कारण चंदेरी एक जैन तीर्थ स्थल भी है, जहां जैन तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
चंदेरी ऐतिहासिक जगह है, जहां घूमने के लिए घूमने के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई ऐतिहासिक स्थल हैं। इनमें चंदेरी का किला, कौशल महल, परमेश्वर ताल, जामा मस्जिद, देवगढ़ किला, जैन तीर्थ आदि बेहद खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल हैं। इन्हें देखने के लिए हर साल हजारों-लाखों टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं।
चंदेरी में तैयार होने वाली सिल्क और कॉटन की साड़ियां देश और दुनिया में मशहूर है। चंदेरी के मशहूर होने का सबसे बड़ा कारण यही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन साड़ियों को तैयार करने के लिए यहां घर-घर में हैंडलूम हथकरघे लगे हैं। जहां मेहनतकश बुनकर अपने हाथों से चंदेरी साड़ियों का ताना-बाना बुनते हैं।
टेक्नोलॉजी ने इन ट्रेडिशनल साड़ियों में आधुनिक फैशन का तड़का भी लगा दिया है। एक से एक डिजाइन में तैयार ये साड़ियां अगर आप देख लें तो बिना खरीदें नहीं रह पाएंगे। इन साड़ियों की खासियत ये है कि इन्हें जीआई टैग (GI Tag) देकर अलग पहचान दी गई है।
अब अगर आप चंदेरी शहर की खूबसूरती और इसकी ऐतिहासिक इमारतों के साथ ही चंदेरी की साड़ियों को तैयार होते देखने का मन बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि ग्वालियर हवाई अड्डा सबसे बेहतर होगा।
ग्वालियर एयरपोर्ट यहां से करीब 227 किलोमीटर दूर है। वहीं नजदीकी रेलवे स्टेशन अशोक नगर और ललितपुर हैं। यहां से हर रोज चंदेरी के लिए बसें चलती हैं। इसके अलावा झांसी, ग्वालियर, टीकमगढ़ से भी सड़क मार्ग के जरिए भी यहां पहुंचा जा सकता है।
Updated on:
25 Aug 2024 03:43 pm
Published on:
25 Aug 2024 12:42 pm
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