
मध्य प्रदेश का मिनी गोवा है महेश्वर।
MP Tourism: MP में मिनी गोवा का नाम आते ही आप भी हैरान रह गए होंगे…लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में गोवा जैसे नजारे का मजा मंदसौर जिले के अलावा एमपी के खरगोन जिले में भी मिल सकता है। यहां आकर आप वाकई गोवा की बात करना भूल जाएंगे। तो आइए आपके बजट में आपको ले चलते हैं एमपी के महेश्वर में। कल्चरल और हेरिटेज के साथ ही नेचुरल ब्यूटी का ऐसा संगम आपको कहीं नहीं मिलेगा।
मानसून के दिनों में यहां की खूबसूरती आपको एमपी का कायल बना देगी। जिस तरह मानसून के सीजन में गोवा जाने के लिए लोग बेताब नजर आते हैं, वैसे ही बारिश के सीजन में एमपी के खरगोन जिले महेश्वर में आपको क्रेजी कर देगा। समुद्र भले ही नही है, लेकिन नर्मदा नदी के किनारे आपको गोवा से कम भी नहीं लगेंगे। इसलिए हम तो यही कहेंगे मजेदार एक्सपिरियंस के लिए मानसून में एक बार यहां जरूर आएं…
महेश्वर में घूमने के लिए यहां आपको एक दो नहीं बल्कि कई डिफ्रेंट टूरिस्ट प्लेस मिल जाएंगे-
नर्मदा नदी के किनारे खड़ा ये किला देखकर ही आपको इसकी भव्यता का अंदाजा हो जाएगा। किसी पेंटिंग की तरह नजर आने वाला इसका व्यू बेहद अट्रैक्ट करता है। यहां कई मंदिर और राजशाही के जमाने में ले जाने वाली कई जगह टूरिस्ट (best tourist places of mp) को भाती हैं।
महेश्वर फोर्ट कॉम्प्लेक्स में ही स्थित है अहिल्याबाई मंदिर। रानी अहिल्याबाई होलकर को समर्पित ये मंदिर एक हिस्टोरिकल साइट है। इस मंदिर के अलावा यहां कालेश्वर मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर, विथलेश्वर मंदिर भी अपनी स्थापत्य कला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।
महेश्वर का एक और हिस्टोरिकल प्लेस है, रजवाड़ा। राजशाही की कहानियां सुनाती यहां की दर-ओ-दीवार आपको राजा-महाराजा के जमाने में ले जाती है और आप मन ही मन एक कहानी बुनते हुए इस जगह का मजा लेते जाते हैं। अगर आपको हिस्टोरिकल प्लेसेज पसंद हैं, तो यहां आप खुश हो जाएंगे।
यहां नर्मदा की लहरों पर आपको बोट राइडिंग का मौका भी मिलेगा। महेश्वर में बोट राइडिंग आपके टूर को यादगार बना देगा।
महेश्वर से पांच किमी दूर स्थित है सहस्रधारा का वॉटर फॉल। इसके लिए कहा जाता है कि महेश्वर में अगर यहां नहीं घूमे तो क्या घूमे। अपनी नैसर्गिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, महेश्वर का ये टूरिस्ट प्लेस। सैकड़ों चट्टानों के बीच से बहती पानी की धारा टूरिस्ट को बहुत अट्रैक्ट करती है। राष्ट्रीय स्तर की केनो सलालम स्पर्धा यहीं होती है। इस प्रतियोगिता ने सहस्रधारा वाटर फॉल को मशहूर कर दिया है।
Updated on:
11 Jul 2024 10:28 am
Published on:
10 Jul 2024 12:52 pm
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