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MP Weather : एमपी में इस बार मार्च में ही दिखेगा लू का असर, गेहूं उत्पादन में आएगी भारी गिरावट

MP Weather : मौसम विभाग से सामने आए पूर्वानुमान ने मार्च महीने में ही किसानों की चिंता बढ़ाने वाली जानकारी दी है। विभाग ने मार्च के महीने में ही लू जैसे हालात बनने की चेतावनी जारी की है।

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MP Weather : बदलते मौसम का सामना सबसे पहले किसान करता है। मौसम फसल के अनुकूल हो तो किसानों के चेहरे भी खिल उठते हैं लेकिन, जब का मिजाज बिगड़ा हुआ हो सबसे पहली चिंता की लकीरें किसान के माथे पर ही देखने को मिलती हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के मौसम विभाग से सामने आए पूर्वानुमान ने मार्च महीने में ही किसानों की चिंता बढ़ाने वाली जानकारी दी है। विभाग ने मार्च के महीने में ही लू जैसे हालात बनने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अगर मार्च में ही अधिक गर्मी पड़ी तो गेहूं की फसल प्रभावित करेगी। जानकारों की मानें तो गेहूं उत्पादन में 15-20 फीसद की गिरावट हो सकती है।

भोपाल से सटे हथाई खेड़ा निवासी सौरभ पाटीदार ने बताया कि उन्होंने अपनी 50 एकड़ जमीन पर गेहूं की बोवनी की है। धान की फसल लेने के कारण बोवनी जनवरी में हो सकी थी। अभी खेत में गेहूं की हरी फसल खड़ी है। अब बढ़ती धूप देखकर फसल के जल्दी पकने की आशंका है। वहीं, इलाके के एक अन्य किसान मिश्रीलाल ने कहा कि जनवरी में ठीक ठाक ठंड पड़ने के कारण इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन हरी फसल के दौरान धूप के तीखे तेवर देखकर अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

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सरकारी एजेंसियों को 80 लाख टन उत्पादन का अनुमान

मध्य प्रदेश के किसानों ने वर्ष 2024-25 के रबी सीजन में 138.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल लगाई है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा गेहूं का है। सामान्य मौसम में सरकारी एजेंसियों ने इस साल 80 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है।

इस तरह गर्मी से होगी पैदावार प्रभावित

इस संबंध में भोपाल कृषि विभाग के पूर्व संचालक डॉ. जीएस कौशल ने मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ साल में किसानों का रुझान धान की खेती की तरफ बढ़ा है। धान की कटाई दिसंबर तक होने के कारण गेहूं की बोवनी भी देरी से हो पाती है। इस वजह से अभी गेहूं की फसल हरी है। ये समय दाना के परिपक्व होने का है। तापमान बढ़ने के कारण फसल जल्दी पकने लगेगी। इससे गेहूं का दाना पतला रह जाएगा। इससे गेहूं के उत्पादन में भी 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है।