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पुलिस अफसरों की क्लास, मुंबई-जयपुर-लखनऊ के आइपीएस करेंगे ट्रेंड

कमिश्नर प्रणाली की समझाएंगे एबीसीडी

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भोपाल. कमिश्नर प्रणाली में मिले अधिकारों का इस्तेमाल सही तरीके से कैसे करना है और कब करना है— इसका फार्मूला सिखाने के लिए मुंबई, जयपुर और लखनऊ के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी शहर के पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग देने के लिए भोपाल आएंगे। अन्य राज्यों के अधिकारी भोपाल के अधिकारियों में से ही नए मास्टर ट्रेनर तैयार करेंगे जो बाद में लगातार आने वाले नए थाना प्रभारी एवं अन्य स्तर के अफसरों को प्रशिक्षण देते रहेंगे।

इसके लिए पुलिस कमिश्नर कार्यालय में एक स्थाई ट्रेनिंग सेल बनाई जा रही है। पुलिस कमिश्नर कार्यालय ने इस मामले में महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस विभाग से संपर्क किया है एवं अपने यहां पदस्थ पुलिस कमिश्नर प्रणाली के अभयस्त वरिष्ठ अधिकारियों को बतौर ट्रेनर भोपाल भेजने का प्रस्ताव दिया है।

इधर भोपाल में रविवार से शुरू हुआ राजस्व प्रशिक्षण वर्कशॉप 2 दिन संचालित होने के बाद नए पुलिस अफसरों की पदस्थापना के इंतजार में कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है। एक साथ सभी फील्ड अधिकारियों को ट्रेनिंग देने के उद्देश्य से नए अधिकारियों की पदस्थापना के लिए पीएचक्यू के आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

सोमवार को कमिश्नर ऑफिस में आयोजित वर्कशॉप के दौरान शहर के पुलिस अधिकारियों ने कमिश्नर से मिला होमवर्क जमा करवाया। सीनियर एवं जूनियर अधिकारियों ने प्रतीकात्मक प्रकरणों में राजस्व विभाग की धाराओं के तहत नोटिस जारी करने एवं इस्तगासा बनाकर पेश करने की प्रक्रिया का प्रतीकात्मक टेस्ट पेपर दिया है जिसे पुलिस कमिश्नर चेक करेंगे।

सबसे पहले दो एसीपी ज्यूडिशियल
शहर के हर थाने एवं उच्च अधिकारियों के कार्यालय में राजस्व न्यायालय प्रक्रिया शुरू की जानी है लेकिन सबसे पहले भोपाल में दो असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ज्यूडिशल) स्तर के अधिकारी इसकी शुरुआत करेंगे। कमिश्नर प्रणाली के अंतर्गत एसीपी जुडिशल के 2 पद स्वीकृत हुए हैं जिन पर डीएसपी रैंक के अधिकारियों की तैनाती होना बाकी है।

पीएचक्यू में 3 घंटा मंथन
समीक्षा के लिए डीजीपी विवेक जौहरी ने भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर एवं इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा को बुलाया। भोपाल पुलिस ने अतिरिक्त कार्यालयों की रिनोवेशन के लिए 40 लाख का फंड मांगा है। पुलिस मुख्यालय में 3 घंटे तक दोनों शहरों की समीक्षा चलती रही। इसके अलावा कंप्यूटर सहित अन्य साजो सामान जिला पुलिस बल के बजट से लिया जा रहा है।

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