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ताबीज पहचान कर जिसका किया अंतिम संस्कार, वह निकली दूसरे की लाश, मोबाइल-बाइक से खुला हत्या का राज

locationभोपालPublished: Sep 01, 2019 10:27:57 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

गफलत: बरामद हुआ असली शव, पहेली बन गई पहली लाश

ताबीज पहचान कर जिसका किया अंतिम संस्कार, वह निकली दूसरे की लाश, मोबाइल-बाइक से खुला हत्या का राज

ताबीज पहचान कर जिसका किया अंतिम संस्कार, वह निकली दूसरे की लाश, मोबाइल-बाइक से खुला हत्या का राज

भोपाल. कटारा हिल्स थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले खेत में मिली युवक की लाश को लेकर शनिवार को नया खुलासा हुआ। शव के हाथ में बंधे ताबीज के आधार पर दो भाइयों ने जिसका अंतिम संस्कार कर दिया था, वह उनका भाई नहीं था। उनके भाई का शव शनिवार शाम रायसेन के जंगल तारापानी, नूरगंज में बरामद हुआ। उसे करीब दो सौ फीट ऊंचाई से गहरी खाई में धक्का देकर उसके दो दोस्तों ने मार डाला था।

 

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पुलिस के लिए अब दाह संस्कार की गई लाश पहेली बन गई है। एएसपी संजय साहू ने बताया कि कामतौन कसिया रायसेन निवासी रामजीलाल इवने कटारा हिल्स से 16 अगस्त को अचानक गायब हो गया। 28 अगस्त को एक युवक की पांच दिन पुरानी लाश बर्रई में मिली। हाथ में बंधे ताबीज के आधार पर रामजीलाल के भाई नवल और राकेश ने उसकी शिनाख्त अपने भाई के रूप में कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।

 

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मोबाइल-बाइक से खुला हत्या का राज

एएसपी संजय साहू ने बताया कि शव परिजनों को सौंपने के बाद पुलिस इस कड़ी को सुलझा रही थी कि रामजीलाल की बाइक और मोबाइल किसके पास है। उसकेमोबाइल की डीटेल से खुलासा हुआ कि 16 अगस्त की सुबह उसकी बात जावरा निवासी राधेश्याम भलावी से हुई है। पूछताछ में राधेश्याम ने बताया कि उसने अपने साथी अर्जुन कोरकू के साथ मिलकर उसकी हत्या रायसेन के जंगल में कर दी है।

 

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बाइक की चाबी निकालने खाई में गया आरोपी : 25 हजार रुपए के लिए की हत्या


राधेश्याम ने कबूला कि रामजीलाल ने उसे डेढ़ लाख का लोन दिलाने का वादा कर 25 हजार रुपए एडवांस लिए थे। सालभर से वह न तो पैसा लौटा रहा था न ही लोन दिला रहा था। ऐसे में उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। 16 अगस्त को राधेश्याम, अर्जुन उससे कटारा में मिले। राधेश्याम ने उसे बताया कि नूरगंज वाले बाबा दोगुना पैसा करने का दावा कर रहे हैं। इस पर तीनों रामजी लाल की बाइक से नूरगंज के जंगल पहुंचे। जहां राधेश्याम को घनघोर जंगल में ले गए। इसी बीच 200 फीट गहरी खाई में रामजी लाल को धक्का दे दिया।

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