
क्या भाजपा भी अपने नेताओं के परिवार के लोगों को लोकसभा चुनाव 2024 में उतारने वाली है। क्या मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं के पुत्र और बेटी लोकसभा चुनाव में उतरने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा बयान के बाद भाजपा में अब तय माना जा रहा है कि राजनीति में एंट्री का इंतजार कर रहे मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों को भी मौका मिलने वाला है। मध्यप्रदेश में सिंधिया, शिवराज, तोमर, गोपाल भार्गव सहित कई दिग्गज नेता हैं, जिनके पुत्रों को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। यह नेता पुत्र खुलकर राजनीति में नहीं आए हैं, लेकिन पिता के साथ-साथ 'राजनीति का पाठ' जरूर सीख रहे हैं।
परिवारवाद का जमकर विरोध करने वाली भाजपा में भी अब परिवार के लोग नजर आएंगे। यदि पिता विधानसभा में सदस्य है तो पुत्र लोकसभा चुनाव लड़ पाएगा। मध्यप्रदेश में ऐसे कई दिग्गज नेता हैं जिनके बेटे या बेटी राजनीति का पाठ अपने पिता से सीख रहे हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी यह नेता पुत्र अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय नजर आए थे।
पीएम मोदी बोले- नए लोग राजनीति में आएं
पीएम मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर कई मुद्दों पर बात कही। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद पर बोलते हुए कहा कि एक परिवार के 10 लोग राजनीति में आना भी बुरा नहीं है। हम तो चाहते हैं कि नए लोग राजनीति में आएं। पीएम मोदी ने कहा कि यदि किसी परिवार में अपने बलबूते पर और जनसमर्थन से कई लोग राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं तो उसे हमने कभी परिवारवाद नहीं कहा। जो पार्टी परिवार से चलती है, जिस पार्टी के सारे फैसले परिवार ही करते हैं, वो परिवारवाद है। न राजनाथ सिंह की पालीटिकल पार्टी है और न ही अमित शाह की।
नई पीढ़ी का आना स्वागयोग्य है
मोदी ने आगे कहा कि परिवारवादी पार्टियों की राजनीति हम सबकी चिंता का विषय होना चाहिए। यदि किसी परिवार के दो लोग प्रगति करते हैं, तो मैं उसका स्वागत करूंगा। 10 लोग भी प्रगति करेंगे तो मैं उनका स्वागत करूंगा। नई पीढ़ी को आगे आना स्वागत योग्य है। सवाल यह है कि परिवार ही पार्टियां चलाती हैं। यह पक्का होता है कि यह पार्टी अध्यक्ष नहीं होगा तो उसका बेटा होगा। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
मध्यप्रदेश में सक्रिय हुए नेताओं के बेटे-बेटियां
मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियां सक्रिय रहे। यह भी राजनीति में आने के लिए हाथपैर मार रहे थे, लेकिन भाजपा जिस तरह से परिवारवाद का विरोध करती है, उससे यह नेता और उनके पुत्र राजनीति में आने की बात खुलकर नहीं कर पाते थे। यह अपने-अपने पिता के क्षेत्र में जरूर सक्रिय रहे और राजनीति का पाठ भी सीखते रहते हैं।
इन नेताओं के परिवार के लोग कतार में
पूर्व शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया
गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव
जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया
पूर्व सांसद प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा
गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह
कमल पटेल के बेटे सुदीप पटेल
डा. नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा
यशोधरा राजे सिंधिया के बेटे अक्षय भंसाली
गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन
विश्वास सारंग की बेटी भूमिका
महाआर्यमन सिंधियाः क्रिकेट के जरिए राजनीति में एंट्री
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया के पास क्रिकेट एसोसिएशन की बड़ी जिम्मेदारी है। वे मैनेजिंग कमेटी में हैं। इसके अलावा ग्वालियर संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन में उपाध्यक्ष हैं। वे मीटिंग भी लेते हैं और फैसले भी लेते हैं। पिता जब-जब चुनाव में खड़े हुए उनके क्षेत्र में प्रचार करने जरूर जाते हैं। खास बात है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया और उनके बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति में एंट्री भी क्रिकेट एसोसिएशन में कदम रखने के बाद हुई थी। इसलिए महाआर्यमन सिंधिया के लिए भी कहा जाता है कि उन्होंने भी राजनीति में पहला कदम रख दिया है। वे उस समय भी सुर्खियों में आए थे जब पीएम मोदी से मुलाकात कर तस्वीरें शेयर की थी।
कार्तिकेय सिंह चौहानः पिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं
पूर्व शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान अपने पिता की बुदनी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने वहां क्रिकेट का बड़ा आयोजन कराया था। इसके साथ ही वे कई कार्यक्रम करवा रहे हैं। लोगों की समस्या सुनकर उसका समाधान भी करवाते हैं। जब-जब सीएम व्यस्त रहते हैं उनकी अनुपस्थिति में कार्तिकेय बुदनी क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। उन्हें भी बुदनी में अपने पिता का उत्तराधिकारी माना जाता है।
आकाश सिंहः टीवी के साथ ही राजनीति में भी सक्रिय
सिंधिया समर्थक नेता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं। वे कुछ समय से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रमों में भी नजर आते हैं। टीवी सीरियल में काम कर चुके आकाश अपने पिता की सुरखी विधानसभा सीट को जिताने का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।
अभिषेक भार्गवः पिता की विरासत संभालेंगे
भाजपा के सीनियर लीडर गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी राजनीति में भाग्य आजमाना चाहते हैं। पिछले दो चुनावों में तो वे लोकसभा चुनाव में दावेदारी भी जता चुके हैं। यदि विधानसभा में गोपाल भार्गव को टिकट नहीं दिया जाता तो अभिषेक को उतारा जा सकता था। अभिषेक फिलहाल राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं और समाजसेवा के क्षेत्र से जुडे हैं। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश में उपाध्यक्ष भी रह चुके अभिषेक पिता गोपाल भार्गव की रहली विधानसभा सीट में हमेशा एक्टिव रहते हैं।
देवेंद्र प्रताप सिंहः विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र भी इंतजार में
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं। ग्वालियर में वे कुछ समय से बड़े आयोजन भी करवा रहे हैं। जिसमें वे कई दिग्गज नेताओं को शामिल कर चुके हैं। देवेंद्र ने 2008 में भाजपा ज्वाइन की थी। तभी से वे मुरैना जिले की दिमनी और ग्वालियर शहर से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। पिता की अनुपस्थिति में वे मुरैना में एक्टिव नजर आते हैं। हाल ही में विधानसभा चुनाव में भी पिता के लिए सक्रिय नजर आए।
मौसम बिसेनः गौरीशंकर की बेटी मौसम भी सक्रिय
पूर्व मंत्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन की बेटी मौसम बिसेन भी राजनीति में उतर चुकी हैं। वे पिता के साथ कई कार्यक्रमों में शामिल होती हैं। बिसेन बेटी के चुनाव लड़ाने की बात कई बार सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं। हालांकि पिछले चुनाव में बिसेन ने बेटी को टिकट दिलाने की पैरवी की थी, लेकिन विरोध के कारण टिकट नहीं मिली थी। मौसम बिसेन हाल ही में विधानसभा चुनाव से पहले काफी सक्रिय देखी गईं।
Updated on:
06 Feb 2024 10:04 am
Published on:
06 Feb 2024 09:56 am
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