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Cabinet Meeting में इस प्रस्ताव को मिली मंजूरी तो एमपी फिर बनेगा मिसाल

New Scheme of MP government: आज मोहन कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी। इस कैबिनेट मीटिंग में कई अहम और बड़े फैसलों के प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। इसमें महिला सुरक्षा और संरक्षण से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।

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Mohan Cabinet

Cabinet Meeting today

New Scheme Approval: आज मोहन कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी। इस कैबिनेट मीटिंग में कई अहम और बड़े फैसलों के प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। इसमें महिला सुरक्षा और संरक्षण से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा और नजीर पेश करेगा।

सुबह 11 बजे मोहन कैबिनेट आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में कई अहम फैसलों को मंजूरी मिल सकती है। मोहन कैबिनेट में आज सबसे अहम और महत्वपूर्ण योजना पर मुहर लग सकती है। इस योजना के तहत पॉक्सो एक्ट में जिन पीड़ितों को परिवार का साथ नहीं मिलता, नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के बाद जन्म लेने वाले उसके बच्चे को संरक्षण देन, उनका भरण-पोषण करना शामिल है। बता दें कि मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा। मोहन सरकार इस जिम्मेदारी को प्राथमिकता से निभाने की तैयारी कर चुकी है। लेकिन इस पर मुहर लगना अभी बाकी है।

ये है मोहन सरकार की योजना

दरअसल मध्य प्रदेश की मोहन सरकार जल्द ही नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनसे जन्मे बच्चों के पुनर्वास और कल्याण के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी मिल सकती है। योजना के तहत दुष्कर्म पीड़िताओं से जन्मे बच्चों को एक ही स्थान पर स्वास्थ्य सुविधाएं, परवरिश, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

निर्भया फंड से किया जाएगा संचालन

एमपी सरकार की यह योजना केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत तैयार की गई है। पिछले साल 2023 में प्रोटेक्शन फॉर चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट के तहत विक्टिम केयर एंड सपोर्ट स्कीम बनाने की सिफारिश की गई थी। इसका संचालन निर्भया फंड से किया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार से भी वित्तीय सहायता मिलेगी। योजना के तहत ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक स्वास्थ्य और शिक्षा के साधन सरकारों की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे।

ये प्रावधान हो सकते हैं शामिल

-पीड़िताओं को मानसिक आघात से उबरने के लिए काउंसलिंग व अन्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
-पीड़िताओं की पढ़ाई न छूटे, इसका ध्यान रखेंगे। यदि वे कोई व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहें तो मदद की जाएगी।
-ऐसे बच्चों के लिए डेडिकेटेड चाइल्ड केयर यूनिट की स्थापना की जा सकती है।
-नवजात शिशु को पीएम-जेएवाई के तहत प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा सकता है।
-मिशन वात्सल्य के तहत संस्थागत देखभाल और गैर-संस्थागत देखभाल के लिए 25 लाख रुपए प्रति वर्ष का प्रावधान हो सकता है।
-23 वर्ष तक या रोजगार मिलने तक प्रति बच्चा 4000 रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।

ग्रामीण विकास के प्रस्तावों को झंडी

गांवों के विकास पर मोहन सरकार का जोर है। कैबिनेट में गांवों के विकास से जुड़े कुछ प्रस्ताव लाए जाने हैं। इनमें वित्तीय अधिकार बढ़ाने, अधोसंरचानत्मक विस्तार से जुड़े प्रस्ताव हैं। स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों पर होने वाली भर्ती और महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़े कामों को भी बैठक में मंजूरी के लिए शामिल किया जा सकता है।