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एमपी की नई टाउनशिप पॉलिसी, मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार, प्रदूषण मुक्त होंगे ये शहर

New township policy of MP: मास्टर प्लान में नई टाउनशिप पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं, प्रदूषण रहित वातावरण, वर्टिकल डेवलपमेंट और उद्योगों को बढ़ावा देने पर फोकस... जानें किन शहरों का होगा तेजी से विकास...

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New township policy of MP

New township policy of MP

New township policy of MP: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने भोपाल (Bhopal township) और इंदौर (Indore Township) के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट (MP New Township Policy Draft) तैयार कर लिए हैं। इन्हें जल्द ही सार्वजनिक कर नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। ड्राफ्ट 30 मार्च तक जारी करने की तैयारी है। मास्टर प्लान में नई टाउनशिप पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं, प्रदूषण रहित वातावरण, वर्टिकल डेवलपमेंट और उद्योगों को बढ़ावा देने पर फोकस है। टीएंडसीपी की टीम ने प्लान को अंतिम रूप देने के पहले गुजरात की गिफ्ट सिटी और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की प्लानिंग का भी जाकर अध्ययन किया है।

विधानसभा सत्र के संपन्न होने के बाद अफसरों ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री के सामने भी दोनों शहरों के मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया। मंत्री से इस पर फीडबैक लिया है। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला का कहना है कि अभी ड्राफ्ट जारी करने की तारीख नहीं बताई जा सकती है। लेकिन दोनों शहरों के मास्टर प्लान सबसे अलग होंगे। इन योजनाओं से शहरों में लोगों को जहां ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी, वहीं आवासीय क्षेत्रों में उद्योगों को भी रफ्तार मिलेगी।

स्वच्छ पर्यावरण और वॉक टू वर्क सुविधा पर जोर

गिफ्ट सिटी जैसा वॉक टू वर्क सुविधा देने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत करने पर भी जोर है। जरूरत के मुताबिक ओवरब्रिज, अंडरब्रिज, चौड़ी सड़कों के प्रावधान किए हैं। सेल्फ सस्टेनेबिलिटी यानी शहरों को अपनी ऊर्जा, कचरा प्रबंधन आदि जरूरतों को खुद ही पूरा करने वाला बनाने की व्यवस्थाएं रहेंगी। सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के भविष्य को देखते हुए प्रावधान किया है। गुजरात में गिफ्ट सिटी में यूटिलिटी टनल की व्यवस्था है। इससे बिजली, पानी, गैस आदि लाइनें गुजर सकती हैं। बार-बार सड़कों की खुदाई नहीं होगी, ऑटोमेटिक वैक्यूम कचरा संग्रहण की व्यवस्था की है।

वर्टिकल डेवलपमेंट खास

दोनों शहरों में कृषि भूमि बचाने के लिए वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इसमें एफएआर बढ़ाने के साथ शहर में अधिकांश फोर और सिक्सलेन सड़कों की व्यवस्था की है। कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए मेट्रो के दोनों और ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट होगा। यहां एफएआर ज्यादा मिलेगा। यहां मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आइटी पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर बनेंगे। कॉलोनियों की सड़कें कम से कम 9 मीटर चौंड़ी होंगी।

ये भी बदलाव

● उद्योगों को बढ़ावा देने फ्लैटेड इंडस्ट्री के प्रावधान।

● बहुमंजिला इमारत के फ्लैट में भी इंडस्ट्री लगाई जा सकेंगी।

● व्हाइट और ग्रीन श्रेणी के उद्योग कॉलोनी के अंदर भी चल सकेंगे।

● कॉलोनाइजर यदि अपनी कॉलोनी में अस्पताल, स्कूल, वृद्धाश्रम आदि बनाएंगे तो ज्यादा एफएआर मिलेगा।

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