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चैत्र नवरात्र 8 दिन के, इस बार 5 गुना सुख-समृद्धि ला रहीं मां, जानें शुभ मुहूर्त, कब है अष्टमी और नवमीं

Chaitra Navratra 2025 Shubh Muhurt: इस बार 30 मार्च से शुरू हो रहा है नवरात्रि का पर्व, 8 दिन मनाया जाएगा, इस बार के नवरात्रि 5 गुना शुभ फल देने वाले, उज्जैन के ज्योतिषाचार्य अमर डब्बावाला ने बताया कब है शुभ मुहुर्त, कब करें कलश स्थापना और कब मनाई जाएगी अष्टमी और नवमीं...

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Chaitra Navratra 2025

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Chaitra Navratra 2025 Shubh Muhurt: रवि, रेवती और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 30 मार्च से शुरू होने वाला चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratra 2025) इस बार 8 दिन का होगा। इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि यह विशेष संयोगों के कारण अत्यंत शुभकारी मानी जा रही है। इस बार नवरात्रि में तीन सर्वार्थ सिद्धि और चार रवि योग का दुर्लभ संयोग बना है, जिससे भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। यह योग नकारात्मकता को दूर कर आत्मिक बल प्रदान करते हैं।

देवी साधना से 5 गुना शुभ फल मिलेगा

नवरात्रि का आरंभ रेवती नक्षत्र होने से विशेष फल प्रदान करेगी। रेवती पंचक का पांचवां नक्षत्र माना जाता है। यह नक्षत्र शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से आरंभ होता है, तो विशेष कल्याणकारी माना जाता है। अलग-अलग प्रकार के धर्म ग्रंथों में विशेषकर मुहूर्त चिंतामणि में इसका उल्लेख दिया गया है। इस दृष्टि से भी नवरात्रि के दौरान की गई साधना विशेष फल प्रदान करेगी।

तिथि क्षय होने से 8 दिन की नवरात्रि

इस बार नवरात्रि आठ दिनों की रहेगी। पंचांगों में तिथि को लेकर के अलग-अलग गणना की गई है। कुछ में तृतीया, कुछ में द्वितीया और कुछ पंचांगों में तृतीया-चतुर्थी तिथि संयुक्त दी गई है। इस दृष्टि से गणना का अलग-अलग प्रभाव दिया गया है।

मंदिरों में विशेष आयोजन

● मैहर: मां शारदा शक्तिपीठ में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। यहां मेला भरता है।

● उज्जैन: शक्तिपीठ हरसिद्धि माता, गढ़कालिका मंदिर में विशेष अनुष्ठान।

● दतिया: पीतांबरा पीठ में भक्तों की कतार लगेगी।

● बगलामुखी धाम उज्जैन में महाआरती, कन्या पूजन, मिर्ची हवन और भजन संध्या का आयोजन होगा।

हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा


इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, इसलिए इस बार के नवरात्रि पर्व को बेहद शुभ माना जा रहा है। मां का हाथी पर आना सुख-समृद्धि का संकेत माना जाता है।

मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नाम और उनके अर्थ

शैलपुत्री – शक्ति और साहस का प्रतीक
ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम की देवी
चंद्रघंटा – साहस और विजय की प्रतीक
कूष्मांडा – सृजन और ऊर्जा की देवी
स्कंदमाता – प्रेम और मातृत्व का प्रतीक
कात्यायनी – शक्ति और युद्ध की देवी
कालरात्रि – नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाली
महागौरी – शांति और बुद्धि की देवी
सिद्धिदात्री – सिद्धि और ज्ञान प्रदान करने वाली

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कब से कब तक होगी चैत्र नवरात्रि 2025? (Chaitra Navratri 2025 Date)

चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 2025 (Chaitra Navratri Kalash Sthapna Muhurta 2025)

पहला मुहूर्त – 30 मार्च 2025 को सुबह 06:13 मिनट से सुबह 10:22 मिनट तक रहेगा
दूसरा अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक रहेगा

अष्टमी और नवमीं तिथि कब - Ashtami and Navmi Tithi Kab 2025


अष्टमी तिथि 4 अप्रैल रात 8 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी, इसका समापन 5 अप्रैल रात 7 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं उदयातिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना गया है, इसलिए अष्टमी 5 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी। इसी दिन नवमीं तिथि भी मनाई जाएगी।

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