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2023 से पहले मिलेगी केंद्रीय योजनाओं की पहली किस्त, यह है अपडेट

केंद्रीय योजनाओं की राशि मांगी, सीतारमण बोलीं- प्रस्ताव भेजिए, भोपाल पहुंचीं वित्तमंत्री: प्रदेश के कई कार्यों को सराहा

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भोपाल

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Manish Geete

Nov 30, 2022

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भोपाल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्रीय योजनाओं में राशि समय पर देने की मांग रखी। इस पर उन्होंने जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा है। खास तौर पर चुनावी साल होने के कारण वर्ष 2023 में केंद्रीय योजनाओं की पहली किस्त की पूरी राशि अप्रेल-मई माह में ही देने की मांग की गई।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भोपाल पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने सीएम हाउस पहुंचकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की। करीब 1 घंटे दोनों के बीच वित्तीय और सियासी मामलों पर चर्चा हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री मंत्रालय पहुंचीं। वित्त विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। इसमें अफसरों ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति और केंद्रीय योजनाओं को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। वित्त मंत्री ने प्रदेश के आर्थिक कदमों की तारीफ की। इसमें लोक सम्पत्ति प्रबंधन से राजस्व, पूंजीगत व्यय मॉनीटरिंग और स्टार्टअप्स के प्रयासों को सराहा।

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प्रदेश सरकार का पहली किस्त पर फोकस

गेहूं खरीदी: मध्यप्रदेश ने केंद्रीय योजनाओं में समय पर राशि नहीं मिलने की दिक्कत को वित्त मंत्री के सामने रखा गया। इसमें गेहूं खरीदी में समय पर राशि देने के लिए कहा।

जल जीवन मिशन: बजट प्रावधान अगले वित्तीय सत्र में बढ़ाने की मांग की गई, ताकि लक्ष्य को समय पर पूरा किया जा सके।

पीएम आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्ष 2024 तक के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बजट देने और समय पर किस्तें देने की मांग रखी गई। इसके अतिरिक्त मनरेगा, कृषि और अन्य संबंधित केंद्रीय योजनाओं में भी राशि समय पर देने की मांग की गई।

सीएम शिवराज ने कहा- प्रदेश में जीडीपी बेहतर

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीडीपी में वृद्धि के लिए गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की रिपोर्ट में वर्ष 2025-26 तक देश की अर्थ-व्यवस्था में 550 बिलियन डॉलर के राज्य के योगदान का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश सरकार जीएसडीपी टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के अनुरूप राज्य के आर्थिक विकास के लिए रणनीति बनाई गई है। इसके तहत ज्ञान आधारित उद्योगों जैसे सेमी कंडक्टर व जीव विज्ञान उद्योगों को प्रोत्साहन देना, उद्योगों का विकेंद्रीकरण, फार्मास्यूटिकल, खाद्य प्र-संस्करण व टेक्सटाइल्स उद्योगों में क्लस्टर तैयार किए जा रहे हैं।