आधा बकाया भी नहीं चुकाया जा सका
प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी भवनों के किराए पर सालाना लगभग 62 करोड़ खर्च करती है, लेकिन अक्टूबर 2018 से जिलों को पैसा नहीं भेजा गया। अप्रेल में वित्त विभाग ने 20 करोड़ रुपए दिए थे। जबकि, मई में ओवरड्यू बढ़कर लगभग 45 करोड़ हो गया। मई में महिला बाल विकास विभाग ने किराए के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किए हैं, लेकिन इससे आधा बकाया भी नहीं चुकाया जा सका।
किन जिलों में कब तक का किराया बकाया
आठ माह से ज्यादा : उज्जैन, रतलाम, नीमच, मंदसौर, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, इंदौर, बड़वानी, अशोकनगर, भिंड और विदिशा।
पांच माह से ज्यादा : शाजापुर, देवास, उमरिया, सागर, छतरपुर, सिंगरौली, सीधी, धार, हरदा, सीहोर, भोपाल और रायसेन।
खास खास
97135 आंगनबाड़ी केंद्र हैं
29385 किराए के भवनों में
26000 भवनों का नहीं दिया किराया
84.90 लाख बच्चे संर्पूण बाल विकास कार्यक्रम में लाभान्वित
66.36 लाख बच्चे पोषण आहार कार्यक्रम में लाभान्वित
यह है जमीनी हालात
मंदसौर जिले में 1687 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 405 किराए के भवन में चल रही हैं। यहां गत शनिवार को मंदसौर शहर के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों पर भवन मालिकों ने ताले लगा दिए। ब’चों को आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर धूप में पोषण आहार परोसा गया। हालात बिगड़ते देख तहसीलदार और महिला बाल विकास विभाग के अफसरों ने मकान मालिकों को समझाइश देकर ताले खुलवाए।
समय पर पैसा नहीं मिला
बालाघाट जिले में 2555 आंगनबाडिय़ां हैं, जिसमें से 525 किराए के भवनों में संचालित हो रही हैं। यहां समय पर मकान मालिकों को किराए की राशि नहीं मिल पाने के कारण कई बार आंगनबाडिय़ों में ताला लगाने की नौबत आ जाती है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने वेतन
टीकमगढ़ शहर की 74 में से 67 आंगनबाडिय़ां किराए के भवनों में चल रही हैं। यहां किराए के लिए विभाग की ओर से प्रति आंगनबाड़ी 750 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन समय पर पैसा नहीं मिल पाने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने वेतन में से भवन मालिक को पैसे दे रहे हैं।
मंत्री के जिले मेंं हर माह भुगतान
प्रदेश में सिर्फ ग्वालियर ही ऐसा जिला है, जहां हर माह किराए का भुगतान हो रहा है। ग्वालियर महिला बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी का गृह जिला है। यहां किराए पर चल रही 682 आंगनबाडिय़ों में से 647 को मई तक का भुगतान किया गया है।
प्रतिमाह किराया दिया जा रहा था
खरगोन जिले की 619 आंगनबाडिय़ों में से 574 को अप्रेल तक का भुगतान हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में दिसंबर तक प्रतिमाह किराया दिया जा रहा था, लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद वहां भुगतान रुक गया है।