नोटबंदी के रुपयों का नहीं दिया हिसाब, अब खाताधारकों की उड़ी नींद
नोटबंदी के दौरान बैंक में खपाए गए पुराने नोट से बैंक का टर्नओवर बढ़ा, लेकिन बैंक ने इनकम टैक्स नहीं चुकाया। जिसके लिए एक साल पहले आयकर विभाग ने असिस्मेंट कर करीब 12 करोड़ की कर चोरी का डिमांड नोट जारी किया था।
भोपाल. नोटबंदी के दौरान जो रुपए लोगों से जमा करवाए गए, उनका हिसाब नहीं देने के कारण आयकर विभाग ने सदभाव नागरिक सहकारी मार्यादित बैंक को 18 करोड़ रुपए का नोटिस थमा दिया है, ऐसे में 25 साल से अध्यक्ष की कुर्सी पर जमे राजेश महतो ने भी इस्तीफा दे दिया। बैंक द्वारा आयकर में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आते ही अब खाताधारकों की चिंता भी बढ़ गई है।
नोटबंदी के दौरान जमा किए गए रुपए का सदभाव नागरिक सहकारी मर्यादित बैंक ने हिसाब नहीं दिया है। आयकर विभाग ने 12 करोड़ टैक्स और 6 करोड़ की पेनल्टी का नोटिस जारी किया है। आयकर के नोटिस पर बैंक की अपील ग्वालियर में खारिज हो जाने के बाद बैंक के अध्यक्ष राजेश महतो ने इस्तीफा दे दिया है। 25 साल पहले बैंक की शुरुआत से ही अध्यक्ष पद की कुर्सी पर जमे महतो ने 10 हजार खाताधारकों वाले 20 करोड़ के बैंक पर 18 करोड़ की रिकवरी निकलने पर वर्तमान कार्यकाल के साढ़े चार साल बाकी रहने के वाबजूद अचानक पद छोड़ दिया है। बैंक अध्यक्ष पर आयकर की गड़बड़ी और परिजनों के नाम लोन लेने के विवादित मुद्दों से पल्ला झाडऩे के लिए कुर्सी छोडऩे का आरोप लगा है। वहीं, आयकर पेनल्टी लगने और बैंक अध्यक्ष के इस्तीफा देने से खाताधारकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
IMAGE CREDIT: patrikaबिटिया का भविष्य संवारेगी ये योजना, 21 साल की होने पर मिलेंगे 65 लाख आयकर की मिली भारी गड़बड़ी नोटबंदी के दौरान बैंक में खपाए गए पुराने नोट से बैंक का टर्नओवर बढ़ा, लेकिन बैंक ने इनकम टैक्स नहीं चुकाया। जिसके लिए एक साल पहले छतरपुर आयकर विभाग ने असिस्मेंट कर करीब 12 करोड़ की कर चोरी का डिमांड नोट जारी किया था। इस मामले में बैंक ने ग्वालियर में अपील की, लेकिन वहां बैंक केस हार गया। वहीं आयकर विभाग ने 12 करोड़ का टैक्स एक साल तक समय जमा न करने पर 6 करोड़ की पेनल्टी भी लगाई है। इस तरह से 20 करोड़ के बैंक पर 18 करोड़ की रिकवरी आयकर विभाग ने निकाली है।
लाखों की लॉटरी लगी है तो इनाम लेने से पहले जरूर पढ़ें यह खबर बैंक पर पेनल्टी लगते ही अध्यक्ष का इस्तीफा राजेश महतो ने इस्तीफा दे दिया है। जबकि पिछले साल गंभीर बीमारी से उबरने के बाद बैंक के पुन: अध्यक्ष चुने गए थे। लेकिन बैंक पर आयकर विभाग की रिकवरी के नोटिस की अपील का केस हारते ही बैंक अध्यक्ष राजेश मेहतो ने 25 साल पुरानी कुर्सी छोड़ दी। वहीं, उपाध्यक्ष भागवत अग्रवाल 6 महीने पहले ही बैंक से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद बैंक में अब दोबारा चुनाव की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। डायरेक्टरों के चुनाव कराए गए हैं। वहीं अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव होना है। माना जा रहा है कि बैंक के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व डायरेक्टर अब आयकर विभाग की रिकवरी कैसे चुकाएंगे, इसको लेकर बैंक खाताधारकों की चिताएं बढ़ गई हैं। बैंक में और भी कई गड़बडिय़ों की चर्चाएं हैं, हालांकि उनकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पूरे घटनाक्रम ने बैंक के खाताधारकों की नींद उड़ा दी है।
IMAGE CREDIT: Patrikaइंटरनेशनल सुविधाओं से लैस होगा एयरपोर्ट, एक साथ उतरेंगे यहां 19 विमान इनका कहना है स्वास्थ्य कारण से पद छोड़ा है। एक साल पहले ब्रेन हेमरेज होने के चलते अस्वस्थ रहता हूं, इसलिए पद छोड़ा है। बैंक में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। सभी तरह के आरोप निराधार हैं।
-राजेश महतो, पूर्व अध्यक्ष, सदभाव नागरिक सहकारी बैंक बैंक अध्यक्ष के इस्तीफे की जानकारी नहीं है, लेकिन ये सच है कि नागरिक सहकारी बैंक का आयकर विभाग द्वारा एक साल पहले गड़बड़ी होने पर असिस्मेंट किया गया था।
-दिनेश बिंदवार, आयकर अधिकारी, छतरपुर
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