
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में महामंडलेश्वर बनाए जाने की खबरें सुर्खियों में हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी(Mamta Kulkarni) से लेकर बीजेपी नेता के महामंडलेश्वर बनने की जानकारी ने लोगों का ध्यान खींच लिया है। इसी बीच मध्यप्रदेश के एक संत के नाम की भी खूब चर्चा हो रही है, जिन्हें सबसे कम उम्र में महामंडलेश्वर की पदवी दी गई हैं। महज 18 वर्ष की उम्र में एमपी के सियाराम दास महाराज को इतनी बड़ी उपाधि सौंपी गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सियाराम दास महाराज ने 13 साल की उम्र अपने परिवार से सारे रिश्ते-नाते तोड़ संन्यास की ओर अपने कदम बढ़ा लिए थें।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ(Mahakumbh 2025) मेले में गुरुवार को कई साधु-संत, महात्माओं को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। इस दौरान जितने भी महामंडलेश्वर(Mahakumbh Mahamandaleshwar) बनाए गए उनकी उम्र 30 बर्ष से अधिक थी लेकिन एक संत ऐसे भी थे जिनकी आयु सभी से कम थी। मूलत मध्यप्रदेश के रहने वाले सियाराम दास महाराज को 18 साल की उम्र में महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक किया गया। ये महामंडलेश्वर स्वामी रामदास टाटांबरी के उत्तराधिकारी हैं। इस दौरान महामंडेलश्वर स्वामी राम संतोष दास, महामंडलेश्वर वैष्णव दास, महामंडलेश्वर भगवत दास, गोपाल दास आदि संत-महात्मा मौजूद थें।
संतों का कहना है कि, 'महामंडलेश्वर बने सियाराम दास महाराज(Siyaram Das Maharaj) ने 13 साल की उम्र में अपने परिवार से सारे रिश्तें-नाते तोड़कर संन्यास का रास्ता अपना लिया था। किशोरावस्था में ही ये दिगंबर अणि अखाड़े के श्रीमहंत रामदास महाराज टाटंबरी बाबा के शिष्य बना गए थे। सियाराम दास टाटंबरी महाराज के प्रिय शिष्य व उत्तराधिकारी भी हैं।
महाकुंभ में सियाराम दास महाराज नहीं कुछ आम लोग भी हैं जिनकी खूब चर्चा हो रही है। भोपाल की हर्षा रिछारिया(Harsha Richhariya) और इंदौर की माला बेचने वाली मोनालिसा(Monalisa) सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। इंटरनेट सेंसेशन बनी दोनों महिलाओं की खूबसूरती ने इन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया।
Published on:
28 Jan 2025 03:20 pm
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