
MP News: देश में पहली बार Bhopal AIIMS की खोज, अब तुरंत मिलेगा इलाज(फोटो सोर्स: एक्स)
MP News: संक्रमण के तीव्र असर की पहचान अब एक बूंद खून से 15 मिनट में हो सकेगी। इससे सेप्सिस के मरीजों को तुरंत बचाया जा सकेगा। इसके लिए एम्स ने नई तकनीक विकसित की है। पहले सेप्सिस की टेस्ट रिपोर्ट में ऑटोप्सी के दौरान कल्चर रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन का समय लगता था। खास बात यह है देश में पहली बार टेस्ट की इस तकनीक को एम्स, भोपाल ने विकसित किया है। टेस्ट की लागत भी बहुत कम करीब 1300 रुपए है।
अभी तक कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट में 3 दिन लगते थे। बायोकेमिस्ट्री की मशीनों से प्रोकैल्सिटोनिन टेस्ट में ही 3 घंटे लगते थे, जो ऑटोप्सी के लिए उपयुक्त नहीं था। इस पर देश में पहला शोध एम्स भोपाल में हुआ। जर्मनी और फ्रांस में ही ऐसी तकनीक उपलब्ध है।
एम्स में अब प्रोकैल्सिटोनिन टेस्ट से 15 से 20 मिनट में डॉक्टर मरीज के शरीर में संक्रमण का पता लगा सकेंगे। पारिसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अरनीत अरोरा ने बताया कि पॉइंट ऑफ केयर टूल मरीजों के इलाज में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। शोध में ऑटोप्सी के दौरान सेप्सिस का पता लगाने के लिए प्रोकैल्सिटोनिन (पीसीटी) बायोमार्कर का उपयोग किया गया है।
Updated on:
17 Jun 2025 08:56 am
Published on:
17 Jun 2025 08:55 am
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