
मिट्टी की जांच कराता ठेकेदार तो बच जाती दो मजदूरों की जान, जानिए क्या है मामला
भोपाल. किसानों के हित में प्रदेश सरकार ने एक और कदम उठाते हुए मिट्टी परीक्षण पर लगने वाले शुल्क को खत्म कर दिया है। अब प्रयोगशालाओं में मिट्टी नमूनों में मुख्य तत्व एवं सूक्ष्म तत्वों की जांच के लिए लागू शुल्क नहीं लगेगा। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि कृषकों को विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण की सुविधा
नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाए।
दरअसल प्रदेश में कृषि विभाग की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं संचालित होती है। इनमें किसानों से मामूली शुल्क लेकर पहले नाईट्रोजन, फासफोरस, पोटाश जैसे मुख्य तत्वों की जांच होती रही है। लेकिन अब मुख्य तत्व एवं सूक्ष्म पोषिक तत्वों की भी जांच होने लगी है। कृषि विभाग ब्लाक स्तर पर ग्रामसेवकों के माध्यम से सेम्पल लेकर मिट्टी की जांच अपनी प्रयोगशालाओं में करवाता है।
अलग-अलग दरें
प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण के लिए सूखत और सिंचित रकबे के लिए अलग-अलग दरें है। 1 हैक्टेयर से लेकर 10 हैक्टेयर की भूमि की मिट्टी परीक्षण के लिए 33 रुपए एवं 45 रुपए चार्ज लिया जाता है। किसानों को मिट्टी परीक्षण के लिए आधा किलो मिट्टी प्रयोगशाला में लेकर आना पड़ता है। प्रयोगशाला से रिपोर्ट तैयार होने पर किसानों स्वाइल हेल्थ कार्ड बनाकर दिया जाता है। रिपोर्ट के आधार पर ही खेतों में फर्टिलाइजर एवं पेस्टीसाइड की मात्रा डाली जाती है।
मंडियों में भी थी प्रयोगाशालाएं
प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में भी अलग-अलग शहरों में 26 प्रयोगशालाएं थी, जिन्हें कृषि विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। अब कृषि विभाग ही अपनी प्रयोगशालाओं के माध्यम से मिट्टी परीक्षण करवाता है। कृषि विशेषज्ञ एवं मंडी बोर्ड के उपसंचालक हरदयाल वर्मा बताते हैं कि एक साल में तीन-तीन फसलें लेने से जमीन को पोषक तत्व की जरूरत महसूस हो रही है। कौन सा पोषक तत्व मिट्टी को चाहिए, यह प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण के बाद ही पता चलता है। इससे फर्टिलाइजर की लागत कम आती है।
किसानों की मिट्टी परीक्षण पर लगने वाला मामूली शुल्क सरकार ने खत्म कर दिया है। इससे प्रदेश के किसानों को फायदा होगा साथ ही उन्हें जानकारी भी मिलेगी।
वीएम सहारे, एडिशनल डायरेक्टर, कृषि विभाग
Published on:
19 Jan 2019 09:20 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
