
tuberculosis
भोपाल। टीबी रोग होगा या नहीं जांच करा पहले ही पता लगा सकेंगे। इसके लिए एक आधुनिक मशीन केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई है। इसमें टेस्ट कराने वाले व्यक्ति को खून के नमूने देने होते हैं। दो दिनों तक परीक्षण के बाद रिपोर्ट दी जाती है। यह मशीन क्षय रोग उन्मूलन मिशन के तहत कई राज्यों को दी गई है। इसी कड़ी में जिला क्षय अस्पताल में भी यह मशीन लगाई गई है।
बुधवार को इसके इस्तेमाल और परिणाम को जानने की तकनीक कार्यशाला के जरिए कर्मचारियों को बताई गई। इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से सीबी नॉट मशीनें बांटी गई थी। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए मरीजों के संपर्क से जुड़े प्रमाण अस्पताल को देना होंगे। मुफ्त में इगरा टेस्ट किया जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार इगरा टेस्ट पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने वाले व्यक्ति को अवश्य कराना चाहिए।
रोजाना चार दर्जन से अधिक टेस्ट भोपाल में
जिला क्षय अस्पताल में प्रभारी डॉक्टर मनोज वर्मा ने बताया कि इगरा टेस्ट का पूरा नाम इंटर्नफेरन गामा रिलीज ***** है। इसमें मरीजों को यदि टीबी दो साल बाद भी होनी है तो वह भी पता चल जाएगा। इस कारण उससे निपटने के लिए तुरंत दवा देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह परीक्षण निजी लैब में लगभग तीन हजार रुपए में होता है। जबकि केंद्र सरकार इसे निशुल्क कर रही है। इगरा टेस्ट भोपाल में एक साथ 96 हो सकते हैं। यह कैसे करना है और किस तरह की सावधानी परीक्षण के दौरान रखनी है उसका प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल में शुरू कर दिया है। इगरा टेस्ट के मामले में अभी भोपाल पहले नंबर पर है।
क्या होती है टीबी की बीमार
टीबी को ट्यूबरकुलोसिस भी कहते हैं। यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे आम प्रकार का होता है। कोरोना की तरह फेफड़ों में होने वाला टीबी भी खांसी और छींक के द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।ट्यूबरकुलोसिस का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है जो जिन्हें पहले से कोई बड़ी बीमारी जैसे कि एड्स या डायबिटीज आदि होती है। साथ ही, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
Published on:
24 Feb 2023 05:01 pm
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