
साइबर की दुनिया में अपराध का तरीका हर दिन नहीं बल्कि हर पल बदल रहा है। अमूमन अभी तक आपने फोन करके ओटीपी पूछकर, किसी अनजान लिंक में क्लिकर करवाकर या अन्य तरीकों से ठगी के मामले सुने होंगे। लेकिन अब साइबर के सरगनाओं ने अपने ठगी का अंदाज में बदलाव कर लिया है। अब साइबर ठग पहले टॉरगेट लोगों से लगातार मिलते हैं फिर उनका भरोसा जितते हैं और उसके बाद निवेश और नौकरी के नाम पर ठगी का वारदात को अंजाम देकर छू- मंतर हो जाते हैं। प्रदेश में पिछले 7 दिनों में 6 करोड़ के ठगी के मामले सामने आए हैं। जिसकी पुलिस रिसर्च के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। हैरानी की बात ये है कि ये ठग अंतराष्ट्रीय के साथ- साथ अंतरराज्यीय गैंग के इशारे पर काम कर रहे हैं।
चाइना सहित भारत के भरतपुर, जामताड़ा और नूह में बैठे हैं सरगना
दरअसल ऐसी साइबर ठगी को अंजाम देने वाले गैंग के सरगना चाइना जैसै बड़े शहरों के साथ- साथ अन्य राज्यों से अपने गैंग को संचालित कर रहे हैं। सामने आए मामलों में जब तहकीकात की गई तो ज्यादातर की लिंक भरतपुर, हरियाणा और झारखंड सहित अन्य प्रदेशों से सामने आई है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक गैंग संचालित करने वाले सरगना अपने लोगों को तैयार कर पहले प्रदेश के किसी शहर को टारगेट कर भेजते हैं फिर उसे एक तय सीमा में साइबर ठगी को अंजाम देकर रफूचक्कर होने का टास्क दिया जाता है।
केस नं.- 01
निवेश के नाम पर 130 लोगों से 5 करोड़ की ठगी
- राजधानी भोपाल में इलेक्ट्रीशियन का काम करने वाले एक शख्स ने अच्छा रिटर्न देने का प्रलोभन देकर 130 लोगों से 5 करोड़ की ठगी कर डाली। छोटे- छोटे निवेश करवाकर उसने वेबसाइट के नाम पर करोड़ों रूपए लगवा डाले। बाद में वो औरंगाबाद शिफ्ट हो गया। फिर एकाएक फोन नंबर बंद कर अचानकर लापता है। और पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी है लेकिन आरोपी बार- बार अपनी लोकेशन बदल रहा है। उसने लोगों को 1 लाख रूपए निवेश करने पर 6 माह में डबल करने जैसा लालच दिया था।
केस नं.- 02
पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 90 लाख की ठगी
- चाइना में बैठे जालसाजों से मिलकर दो लोगों ने पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देकर लोगों से 90 लाख ठग लिए। बाद में दोनों आरोपी सतवीर और राहुल को इंदौर से गिरफ्तार किया गया। जिसमें उन्होंने चाइना के जालसाजों से मिलकर फ्रॉड करने की बात को स्वीकार की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मप्र की ये ऐसी पहली गैंग है जो सीधे चाइनीज ग्रुपों से संपर्क में है।
नौकरी की तरह रखे जाते हैं लोग
. ज्यादातर लोकल स्तर पर ऐसी ठगी करने वाले लोग वो हैं जो पहले इंस्टेंट लोन का काम करते थे। ऐसे लोग गैंग के इशारे पर अपने टास्क को अंजाम देते हैं। इन्हें पार्ट टाइम, फुल सैलरी और कहीं- कहीं तो पर्सेंटेज के आधार पर रखा जाता है।
सन्नी नेहरा, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली
Published on:
17 Jan 2024 09:06 pm
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