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अब लाइब्रेरियन की नहीं पड़ेगी जरूरत, AI इश्यू करेगा किताबें

MP News: एआइ से लाइब्रेरी स्टाफ का कार्यभार कम होगा, बल्कि यूजर्स को भी किसी प्रकार की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।

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(फोटो सोर्स: पत्रिका)

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News:मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेज पुस्तकालयों में छात्रों को लाइब्रेरियन या स्टाफ की मदद की आवश्यकता नहीं होगी। एआइ बेस्ड मशीन की मदद से छात्र और पाठक स्वयं ही पुस्तकें इश्यू और रिटर्न कर सकेंगे। यह अत्याधुनिक एआइ मशीन हाल ही में डिजाइन की गई है और इसके माध्यम से यूजर्स केवल अपना लाइब्रेरी कार्ड स्कैन करके और पुस्तक को निर्धारित स्थान पर रखकर प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह स्मार्ट मशीन पुस्तकालय के सर्वर से सीधे जुड़ी होती है। इससे हर लेन-देन का सटीक रिकॉर्ड तैयार होता है।

इससे न केवल लाइब्रेरी स्टाफ का कार्यभार कम होगा, बल्कि यूजर्स को भी किसी प्रकार की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। इस सुविधा से पुस्तकालय सेवाओं में पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ेगी। खास बात यह है कि यह तकनीकी समाधान आने वाले दस साल तक प्रभावी रहेगी।

264 कॉलेजों में नहीं हैं ग्रंथपाल

इस मशीन का पायलट प्रोजेक्ट हर संभाग के एक कॉलेज में लगाया जाएगा। इसके लिए भोपाल के पीएमश्री हमीदिया पीजी कॉलेज का चयन किया गया है। प्रदेश के 562 सरकारी कॉलेजों में ग्रंथपाल के 547 स्वीकृत पदों में से 264 पद खाली हैं, ऐसे में यह सुविधा छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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छह माह में किया तैयार

डॉ. प्रभात पांडेय और उनकी टीम ने इसे लगभग 6 महीने में तैयार किया है। भारत सरकार ने इस एआइ बेस्ड कियोस्क को पेटेंट प्रदान किया है, जिसका आवेदन 18 मार्च को दिया गया था और स्वीकृति 5 जून को मिली। इस तकनीक से पुस्तकालयों में किताबों की इश्यू और रिटर्न प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जाएगा, जिससे छात्रों का समय बचेगा और लाइब्रेरी सेवाओं में सुधार होगा। इस नई पहल से न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि यह पुस्तकालयों की कार्यप्रणाली को भी आधुनिक बनाएगी।