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राजधानी में यहां पहले लड़कियों के कपड़े उतारे और फिर विरोध करने पर कर दी पिटाई

लड़कियों के कपड़े उतारे और फिर विरोध करने पर...

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राजधानी में यहां पहले लड़कियों के कपड़े उतारे और फिर विरोध करने पर कर दी पिटाई

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल लगातार महिलाओं के लिए असुरक्षित बनती जा रही है। फिर चाहे वो चलती सड़क हो या किसी का घर हर ओर सुरक्षा की कमी महिलाओं में भय पैदा करने के लिए काफी है। दरअसल यहां कुछ समय पहले ही कई रेप जैसी घिनौनी हरकतें भी हो चुकी हैं।

ऐसे में पुलिस लगातार महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी बड़ी बातें तो करती है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिखी है। सड़क या कहीं और तो छोड़िए अब तो ये बालिका गृह में तक सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं कि एक ऐसा मामला सामने आया है जहां राजधानी के एक बालिका गृह में पहले लड़कियों के कपड़े उतरवाए गए, और विरोध करने पर कपड़ों को फाड़ने के बाद उनसे मारपीट तक की गई।

दरअसल बालिका गृह में एक बार फिर लड़कियों की प्रताड़ना का मामला सामने आया है। तलाशी के नाम पर यहां 2 लड़कियों के कपड़े उतरवाए गए। जब लड़कियों ने इसका विरोध किया तो उन्हे बेरहमी से पीटा गया।

जानकारी के अनुसार नेहरू नगर स्थित इस बालिका गृह का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। इस मामले की शिकायत सखी और गौरवी वन स्टाप क्राइसिस सेंटर में की है। वहीं इस मामले में बाल आयोग ने कलेक्टर भोपाल सुदाम खाड़े और जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है।

पहले उतरवाए कपड़े...
बालिका गृह से सामने आई जानकारी के अनुसार शुक्रवार को बाल कल्याण समिति के निर्देश पर बालिका गृह में दो बच्चियां भेजी गई थी। यहां बालिका गृह वार्डन और अधीक्षका के निर्देश पर पहले से रह रही लड़कियों ने समिति द्वारा भेजी गई दोनों लड़कियों के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली।

दोनों बच्चियों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कपड़ों में मोबाइल छुपाया हुआ है। लड़कियों ने जब तलाशी देने का विरोध किया, तो दोनों से बालिका गृह में मारपीट तक की गई।

दाेनों लड़कियों ने घटना की शिकायत सखी और गौरवी वन स्टाॅप क्राइसिस सेंटर में की है। बच्चियों ने बताया कि बालिका गृह में मिलने आए परिजन जो सामान देकर जाते हैं, उसे बालिका गृह के कर्मचारी छीन लेते हैं। इधर मामले में अंतोनिया एक्का कुजूर और महिला सशक्तिकरण के प्रभारी अधिकारी रामगोपाल यादव ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।


17 वर्षीय पीड़िता का आरोप...
बीती रात बालिका गृह में रह रही बड़ी दीदी आई और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे पास मोबाइल है और तलाशी लेने लगी। जब मोबाइल नहीं मिला तो उनके साथ मौजूद अन्य चार लड़कियों ने मेरे कपड़े फाड़ दिए। जब मैंने इस पर आपत्ति जताई तो उन्होंने मेरे पूरे कपड़े फाड़ दिया और लात-घूंसों से पिटाई कर दी।

ड्यूटी पर तैनात शिक्षिका ने मुझे पिटता देख लड़कियों को और अधिक मारने के लिए कहा। दूसरे दिन जब मैंने इसकी शिकायत अधीक्षिका से की तो उन्होंने यह कह दिया कि लड़कियों ने जो कुछ किया सही है। तुमने कोई गलती की होगी।

नेहरू नगर स्थित शासकीय बालिका गृह में रह रही इस 17 वर्षीय पीड़िता ने गौरवी में हुई काउंसलिंग के दौरान यह बात कही। संस्थान में रह रही अन्य दो बच्चियों ने भी बालिका गृह में होने वाली गड़बडि़यों का खुलासा किया।

सीनियर करतीं हैं अश्लील हरकतें...
बालिका गृह में करीब चार माह से रह रही एक 18 वर्षीय युवती ने बताया कि जब भी कोई नई लड़की गृह में रहने आती तो सीनियर लड़कियां उसके साथ अश्लील हरकतें करने के साथ ही उससे मारपीट भी करती।

गृह में चार लड़कियों ने गुट बना लिया है, जो छोटी लड़कियों से कमरे की सफाई से लेकर बाथरूम तक साफ कराती हैं।

शिकायती करने पर पिटाई...
वहीं एक अन्य 12 वर्षीय बच्ची ने काउंसलिंग में बताया कि जब सीनियर लड़कियां दीदी को मारते हुए कपड़े फाड़ रही थी तो वह शिक्षिका को बताने गई, लेकिन उन्होंने उसे कमरे में जाने को कह दिया। इसके बाद सीनियर लड़कियों ने उसके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। उसके शरीर में भी कई जगह घाव के निशान भी बने हुई है।

यहां नहीं होती काउंसलिंग
बालिका सुधार गृह में सभी तरह की लड़कियां एक साथ रहती है। इसने में कई लड़कियां अपने परिवार से तो कई प्यार में धोखा खाकर गर्भवती अवस्था में बालिका गृह पहुंचती हैं।

इस तरह की बच्चियों को काउंसलिंग की बहुत जरूरत होती है, लेकिन संस्थान में काउंसलर नहीं हैं। वहीं कई लड़कियों का आयु परीक्षण नहीं होने के कारण 18 वर्ष पूरा होने के बाद भी बालिका गृह में रह रही हैं।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी को पत्र जारी करेंगे। जिसमें मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- ब्रजेश चौहान, सदस्य, बाल आयोग

यह हमारी संस्था के अंदर की बात हैं। मैं कुछ नहीं बता सकती हूं।
- अंतोनिया इक्का, अधीक्षक, बालिका गृह