
Odisha BJP Government News: ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। भाजपा को 147 सीटों वाली विधानसभा में 78 सीटें मिली हैं। यहां पहली बार बीजेपी सरकार बना रही है। इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मध्यप्रदेश के तीन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें तत्काल ओडिशा पहुंचकर सरकार बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं।
ओडिशा (orissa) में पहली बार बनने वाली भाजपा की सरकार में मध्यप्रदेश के तीन नेता बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग, नवनिर्वाचित भोपाल सांसद आलोक शर्मा और भाजपा नेता लोकेंद्र पाराशर को यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। यह तीनों भोपाल से आज ही ओडिशा रवाना हो रहे हैं। इन्हें आलाकमान ने तत्काल प्रभाव से ओडिशा पहुंचकर सरकार गठन में भूमिका निभाने को कहा है। यह तीनों नेता शनिवार शाम को ओडिशा पहुंच जाएंगे और सरकार गठन से लेकर शपथ ग्रहण समारोह तक में अहम भूमिका निभाएंगे।
सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक ओडिशा में 10 जून को शाम 6 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में खुले मैदान में होगा, जिसमें हजारों की संख्या में नेता और लोग पहुंच सके।
ओडिशा सरकार में 5 बार सीएम रहे नवीन पटनायक को इस बार जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। भाजपा को 78 सीटें मिली, बीजेडी को 51 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस के खाते में 14 सीटें आई हैं। भाजपा यहां पहली बार सरकार बना रही है। मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि भाजपा की तरफ से फिलहाल मुख्यमंत्री के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। कई लोग रेस में है। मध्यप्रदेश से पहुंचने वाले ये तीन नेता आलाकमान की चाहत को मोहर लगा देंगे।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद रहकर मोदी सरकार में पेट्रोलियम मेंत्री रहे धर्मेंद्र प्रधान (dharmendra pradhan) ओडिशा के संबलपुर से सांसद हैं। 10 साल मोदी सरकार (modi govt) में केंद्र मंत्री रहे। कई राज्यों के चुनावी प्रभारी रहे धर्मेंद्र प्रधान को सीएम पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है।
लक्ष्मण बाग भी सीएम पद की रेस में शामिल हो गए हैं। पांच बार के सीएम नवीन पटनायक को हराने वाले लक्ष्मण बोलांगीर जिले की कांटाबांजी विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। सीएम को हराने के बाद लक्ष्मण रातों रात एक बड़े नेता के रूप में उभरे हैं। लक्ष्मण एक गरीब किसान परिवार से आते हैं, दिहाड़ी मजदूरी और ट्रक पर खालसी के तौर पर भी काम कर अपना जीवन जी चुके हैं। फिलहाल ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लक्ष्मण बाग को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
Updated on:
08 Jun 2024 02:38 pm
Published on:
08 Jun 2024 02:00 pm
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