7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बेरोजगार घूम रहे काबिल युवा, अफसरों ने भर्ती कर लिए बेटे और रिश्तेदार

सरकारी भर्ती में अधिकारियों की मनमानी

2 min read
Google source verification
sarkari_naukri.png

सरकारी भर्ती में अधिकारियों की मनमानी

भोपाल. बेरोजगारी अधिकांश युवाओं के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. कोरोना के बाद तो यह समस्या और भी बढ़ गई है. नौकरियां कम होती जा रहीं हैं. ऐसे मेें भी सरकारी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, सरकारी नौकरियों में भर्ती पर भाई—भतीजावाद हावी है. काबिल लोगों के स्थान पर अपने बेटों—रिश्तेदारों को नौकरी पर रखा जा रहा है. ऐसे ही एक मामले में कुछ अधिकारियों पर गाज गिर गई है.

अधिकारियों ने अपने पुत्र, रिश्तदारों का गलत तरीके से संविलियन कराकर नियमित भर्ती की— प्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी नौकरियों में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिले की नवगठित बकहो नगर परिषद में हुए इस भर्ती घोटाले में दोषी अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन अधिकारियों ने अपने पुत्र, रिश्तदारों का गलत तरीके से संविलियन करा कर नियमित भर्ती कर दिया था।

सरकार को 63 लाख रुपए की क्षति हुई —
इस मामले में संयुक्त संचालक (जेडी) सहित सात अधिकारियों को निलंबित किया गया है। निलंबन की ये कार्रवाई नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने की है. जानकारी के अनुसार इस तरह से इन अधिकारियों ने संविदा और मानदेय कर्मियों का परिषद में संविलियन कर नियमित पदों पर भर्ती कर दी। अधिकारियों ने जिन लोगों को नियमित भर्ती कर लिया उनमें संविदा का एक और 52 मानदेय कर्मी शामिल हैं. विशेष बात यह भी है कि इस भर्ती प्रक्रिया से सरकार को खासा आर्थिक नुकसान भी हुआ. बताया जा रहा है कि इससे सरकार को करीब 63 लाख रुपए की क्षति हुई है।

इन अधिकारियों को किया निलंबित
जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें संयुक्त संचालक मकबूल खान, धनपुरी सीएमओ रविकरण त्रिपाठी, ब्यौहारी सीएमओ जयदेव दीपांकर, सहायक यंत्री शहडोल राकेश त्रिपाठी, उपयंत्री अजीत रावत, प्रभारी कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास यांत्रिकी प्रकोष्ठ जीवेन्द्र सिंह और सहायक ग्रेड-़1 दामोदर प्रसाद आर्य शामिल हैं।