
पहला मंदिर जिसके परिसर में मिलेगा बुजुर्गों को आसरा
प्रवीण मालवीय
भोपाल. शहर के नजदीक प्रसिद्ध कंकाली मंदिर पहला ऐसा मंदिर बनने जा रहा है जो धर्मस्थल होने के साथ बुजुर्गों के लिए आसरा भी बनेगा। मंदिर परिसर के विकास के साथ यहां 500 बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम और गौवंश की देखभाल के लिए गौशाला बनाई जा रही है। इतना ही नहीं मंदिर परिसर के विकास के साथ यहां सामुदायिक भवन और संस्कृत पाठशाला, नक्षत्र वाटिका के विकास की भी योजना है।
रायसेन रोड पर बिलखिरिया थाने से आगे स्थित प्रसिद्ध कंकाली मंदिर का पुर्ननिर्माण और पूरे परिसर का विकास जोरों पर है। मंदिर ट्रस्ट के दुर्गा प्रसाद मीना ने बताया कि, मुख्य मंदिर 25 हजार वर्गफीट में अष्टकोणीय बनाया जा रहा है। इसमें सात शिखर होंगे जिनमें से छह शिखर 31-31 फीट के तो मुख्य शिखर 108 फीट का होगा। मुख्य शिखर के ऊपर स्वर्णकलश रखा जाएगा।
बाहर लाल पत्थर, अंदर सफेद संगमरमर
मंदिर भवन को लाल पत्थरों की नक्काशी से सजाया जाएगा, इसके अलावा अंदर सफेद संगमरमर की कलाकृतियां लगाई जा रही हैं। प्रवेश और निर्गम के लिए विशाल द्वार के साथ विशाल हाल बनाया जा रहा है जोकि माँ काली की मुख्य प्रतिमा और गर्भगृह के ठीक सामने रहेगा जहां से सैंकड़ों लोग एक साथ माँ के दर्शन कर सकेंगे। इस हाल में चारों ओर रामदरबार, कृष्ण-राधा, शिव-पार्वती सहित अन्य देवों के स्थान बनेंगे।
विद्यार्थी लेंगे संस्कृत का ज्ञान, होंगे अनुष्ठान
कंकाली मंदिर का पूरा परिसर 23 एकड़ का है, पूरे मंदिर को कलेक्टर रायसेन की अध्यक्षता वाला ट्रस्ट चलाता है। मंदिर ट्रस्ट पूरे मंदिर का विकास करने जा रहा है। मीना ने बताया कि, मुख्य मंदिर के साथ गौशाला का काम शुरू हो चुका है वहीं 500 वृद्धों के निवास क्षमता वाला वृद्धाश्रम और सामुदायिक भवन बनाया जाएगा। इतना ही नहीं राजधानी में प्रसिद्ध गुफा मंदिर की तर्ज पर मंदिर परिसर में बच्चों की रहवास क्षमता के साथ की संस्कृत पाठशाला भी विकसित की जाएगी, जहां रहने वाले बच्चे संस्कृत और वेद अनुष्ठानों का ज्ञान लेने के साथ पूजन-पाठ भी करेंगे।
Published on:
03 Feb 2022 10:45 pm
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