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बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल

-खरगोन बस हादसे से नहीं लिया सबक, ओवर स्पीडिंग-ओवरलोडिंग की भेंट चढ़ रहीं जिंदगियां

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बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल

बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल

भोपाल. प्रदेश की सडक़ों पर दौड़ रहीं बसों का सफर कितना सुरक्षित है, इसकी हकीकत बयां करते आंकड़ें डराते हैं। प्रदेश में 55 दिनों में बसों के 10 बड़े हादसे हुए, जिनमें 45 लोगों ने जान गंवाई, वहीं 100 से अधिक घायल हुए हैं। नौ मई को खरगोन में हुए बस हादसे के बाद से परिवहन विभाग समेत यातायात पुलिस ने नियमों के पालन की सख्ती का दावा तो किया गया, पर ये हकीकत नहीं बन पाया। यहां बता दें, इन सभी बस हादसों में ओवर स्पीडिंग और ओवर लोडिंग की मुख्य वजह सामने आई है। बसों की रफ्तार अधिक होने से चालक इन पर नियंत्रण नहीं रख सका और इसकी कीमत यात्रियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ी। पत्रिका ने जब प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बस हादसों की पड़ताल की तो इसके कई प्रमुख कारण सामने आए। इनमें सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग है। परिवहन विभाग ने बसों की गति नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता तो की है, पर इसका पालन नहीं किया जा रहा। इसके मुताबिक बसें अधिकतम 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन बसें 100 या इससे अधिक की रफ्तार पर दौड़ रही हैं।

मई में तीन तो जून में छह बस हादसे
मई 2023:
9 मई 2023: खरगोन के बेजापुर से इंदौर जा रही तीस सीटर बस पुल की रेलिंग तोडकऱ बोराड़ नदी में गिरी। बस में 60 सवारी थीं। हादसे में 25 यात्रियों की मौत हुइ।
18 मई 2023: शाजापुर जिले में मक्सी-उज्जैन मार्ग पर कानपुर से अहमदाबाद जा रही बस ट्राले में घुस गई। हादसे में पांच की मौत हुई और 15 घायल हुए।
28 मई 2023: चार्टर्ड बस भोपाल से नीमच जाते समय मंदसौर के भावगढ़ फंटे पर अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हुई, जबकि 20 यात्री घायल हुए।
जून 2023
22 जून 2023: श्योपुर जिले के विजयपुर से उदयपुर जा रही स्लीपर कोच बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में 21 यात्री घायल हुए, पांच गंभीर घायल।
20 जून 2023: दमोह जिले में इंदौर से जबलपुर जा रही स्लीपर कोच बस कंटेनर से टकराई। हादसे में तीन की मौत हुई।
17 जून 2023: मुरैना में नेशनल हाइवे पर सडक़ पर खड़े डम्पर से अनियंत्रित बस टकराई। हादसे में तीन यात्रियों की मौत, जबकि 12 घायल हुए।
16 जून 2023: नरसिंहपुर में जबलपुर-भोपाल हाइवे पर जबलपुर से भोपाल की ओर जा रही बस को अज्ञात वाहन ने सामने से टक्कर मारी। हादसे में दो यात्रियों की मौत हुई, जबकि पांच घायल हुए।
14 जून 2023: शाजापुर में शाजापुर से सारंगपुर जा रही बस और कार में भिडंत होने से कार सवार सात लोगों में से तीन की मौके पर मौत हो गई। चार घायल हुए।
05 जून 2023: शिवपुरी में ग्वालियर से शाजापुर जा रही बस हादसे का शिकार हुई। बस में नर्मदापुरम जिले के वनवासी बाल कलाकार थे। हादसे में एक बाल कलाकार की मौत हो गई, जबकि 36 अन्य घायल हुए थे।
जुलाई 2023:
01 जुलाई 2023: डिंडौरी से शहडोल जा रही बस अनूपपुर में अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में 24 यात्री घायल हुए।
03 जुलाई 2023: शहडोल जिले में बुढ़ार से शहडोल जा रही बस एक कच्चे मकान में घुसी और पलट गई। हादसे में 40 यात्री घायल हुए, पांच की हालत गंभीर।

ड़ताल: हादसों की तीन प्रमुख कारण
ओवर स्पीडिंग: लंबी और कम दूरी की बसों के रूट पर आने वाले शहरों के बस स्टैंड पर स्टॉपेज के लिए परिवहन विभाग टाइम स्लॉट जारी करता है। यात्रियों की अधिक संख्या वाले टाइम स्लॉट को लेकर हमेशा विवाद की स्थिति रहती है। बसों को पांच से दस मिनट तक का समय मिलता है। ऐसे में बस चालक बस स्टैंड से निकलते समय अधिकतम सवारी बैठाने की जुगत में धीमी गति से चलते हैं, पर अगले शहर के बस स्टैंड पर समय पर पहुंचने के लिए बसों को तेज गति में चलाते हैं, जो हादसे की वजह बनता है।
ओवरलोडिंग: क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने के अलावा बस चालक और संचालक पार्सल और सामान की डिलीवरी करते हैं। बसों के ऊपर कई क्विंटल सामान रखकर एक शहर से दूसरे शहर भेजा जाता है। इससे बसों के हादसे के शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है। निजी बस संचालकों ने प्रदेश के सभी तकरीबन सभी शहरों में पार्सल ऑफिस बना रखे हैं।
कंडम बसें: महाराष्ट्र और दिल्ली समेत गुजरात आदि राज्यों से पुरानी बसों को मप्र लाया जाता है। इन बसों में रूट का परमिट लेकर इनमें सवारी ढोई जाती है। जानकारी के मुताबिक नई बसों की कीमत अधिक होने से बस संचालक इससे बचते हैं। वहीं फिटनेस को लेकर भी कामचलाऊ काम कराया जा रहा है। सर्विसिंग में नए पाट्र्स की जगह पुराने का उपयोग हो रहा है।
वर्ष 2022 में बस हादसों में 312 की गई थी जान
मप्र की सडक़ों पर दौड़ रही बेलगाम बसों से कुल 1375 हादसे हुए थे, जिनमें 312 लोगों की मौत हुई, वहीं 2159 घायल हुए थे। इन सभी हादसों में अधिकतर की वजह ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग और ओवरटेक करना था। इसकी वजह से बस चालकों ने अन्य वाहन चालकों को भी अपना शिकार बनाया।
बेलगाम बसों से हुए हादसों पर एक नजर
हादसे----------------मौत
बसों की आपसी भिड़ंत----82
ट्रक-डम्पर से टक्कर----61
दोपहिया वाहनों से------69
कार-टैक्सी से टक्कर----23
अन्य कारणों से------45
ईव्हीकल से टक्कर----16
ऑटो रिक्शा से-----10
(आंकड़े जनवरी से दिसंबर 2022 तक, अन्य कारणों में बसों का पलटना, पेड़-चट्टान या अन्य सॉलिड निर्माण से टकराना शामिल है। )