
हाल-ए-हमीदिया : बिना एसी के मरीज हो रहे थे परेशान.. 100 में से 70 बंद
भोपाल। दोपहर करीब 3.30 बजे, हमीदिया अस्पताल का सर्जरी वार्ड। वार्ड में आठ ऐसी लगे हुए हैं, लेकिन सारे बंद। गर्मी से मरीज बेहाल हो रहे थे। उस पर भी हद ये कि महिला सफाईकर्मी ने झाडू लगाने के लिए वार्ड में लगे सारे पंखे बंद कर दिए। एक मरीज ने कहा कि सारे पंखे क्यों बंद कर रहे तो उसने डंपटते हुए कहा कि थोड़ी देर में कुछ नहीं बिगड़ेगा।
वह महिला करीब 15 मिनट सफाई करती रही और इस दौरान मरीज तीखी गर्मी से बेहाल होते रहे। सिर्फ सर्जरी ही नहीं अस्पताल के अमूमन सभी वार्डों में यही हालात हैं। अधिकतर वार्डों में एसी बंद पड़े हैं। हालात यह हैं कि अस्पताल में करीब 100 एसी हैं जिनमें से 70 फीसदी बंद पड़े हुए हैं। मंगलवार को एक ऑपरेशन के दौरान चार एसी के बंद होने जैसे मामले के बाद पत्रिका ने अस्पताल के वार्डों की पड़ताल की तो यह चौकाने वाली स्थिति नजर आई।
सर्जरी, बर्न और हड्डी रोग में सबसे जरूरी हैं एसी
ऐसी की सबसे ज्यादा दिक्कत सर्जरी, बर्न और हड्डी रोग विभाग में हैं, यहां सभी जगह एसी बंद मिले। जबकि यह तीनों विभाग ऐसे हैं जहां मरीजों को एसी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। खासकर बर्न मरीजों को ठंडक की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। गर्मी से एसी ना होने से इन मरीजों की पीड़ा असहनीय हो जाती है।
बिना एसी हो सकता है गंभीर संक्रमण
ऑपरेशन के बाद मरीज जिस वार्ड में रखा जाता है वहां तापमान कम होना चाहिए। ऑपरेशन के बाद अगर मरीज को पसीना आएगा और वह पसीना घाव में जाएगा तो मरीज को जानलेवा संक्रमण हो सकता है।
तीन साल में बिगड़ गईं व्यवस्थाएं
दरअसल 2015 तक हमीदिया अस्पताल में 88 एसी थी। मेंटेनेंस पर छह लाख रुपए खर्च भी होते थे। तब जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास थी, फिर हमीदिया के पास जिम्मेदारी आई और अब यह जिम्मेदारी पीडब्ल्यू डी को सौंप दिया गया है।
यह दिखे हालात
पटेल वार्ड : दो कूलर, एक में पानी नहीं तो दूसरे से हवा नहीं आ रही थी
कार्डियक यूनिट : सेंट्रलाइज्ड एसी का काम चल रहा है, मरीज परेशान
मेडिकल वार्ड : एसी बंद थे, कुछ पंखे थे, जो गर्म हवा दे रहे थे।
बर्न वार्ड : कूलर चल रहा था
सर्जीकल वार्ड : वार्ड के एसी और कूलर दोनों बंद मिले
बादलों से राहत: हवाओं का रुख बदला, तापमान में आई थोड़ी कमी
नौतपा के पहले दिन ही हवाओं के पैटर्न में बदलाव होने से राजधानी में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। रात का तापमान लंबे समय बाद 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे आया। वहीं दिन के तापमान में लगभग 0.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल बहुत परिवर्तन की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान अभी भी 43-44 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहेंगे। विभाग के अनुसार उत्तर पूर्व मप्र में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके चलते भी कुछ नमी पहुंच रही है। राजधानी में नमी के कारण दिन के समय छिटपुट बादल छाए रहे। बादलों ने भी तापमान वृद्धि पर लगाम लगाई। शुक्रवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक था। ऐसे ही न्यूनतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अस्पताल के ज्यादातर एसी काम कर रहे हैं। सेंट्रलाइज्ड एसी पर भी काम चल रहा है। कार्डियक आइसीयू को सेंट्रलाइज्ड एसी से जोड़ा जा सका है। जल्द ही पूरे वार्ड इससे जुड़ जाएंगे।
-एके श्रीवास्तव, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
Published on:
26 May 2018 07:00 pm
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