
Patrika Shubhotsav Bharose ka Bazar Series: करीब 50 साल पहले टीटी नगर (वर्तमान में न्यू मार्केट) में एक-दो दुकानें कपड़े और सब्जी की हुआ करती थीं। तब इसे खेड़ा बाजार कहते थे। खेड़ा यानी गांव-शहर से दूर का स्थान। बाजार में हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित हुई। इसीलिए इसे खेड़ापति हनुमान मंदिर कहते हैं। व्यापारियों और ग्राहकों के लिए यह श्रद्धा का मंदिर है। आज इस मार्केट के लिए अच्छी कनेक्टिविटी है। इसलिए दूर-दराज से भी लोग खरीदारी के लिए आते हैं।
भोपाल के न्यू मार्केट में ग्राहकों की दैनिक जरूरतों का हर सामान मिलता है। हीरा-मोती, सोना-चांदी से लेकर सूटिंग-शर्टिंग, रेडीमेड कपड़े, साड़िय़ां, किराना सामान, जूते-चप्पल, स्टील-पीतल के बर्तन आदि विभिन्न वैरायटी के उपलब्ध हैं।
न्यू मार्केट के व्यापारी और हनुमान मंदिर के ट्रस्टी गोविंद दास गौड़ के अनुसार यहां प्रत्येक सामान उच्च कोटि क्वालिटी का होता है, इसलिए ग्राहक खरीदी के लिए आते हैं।
व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष संजय बलेचा कहते हैं कि बाजार में अतिक्रमण से ग्राहक और व्यापारी दोनों परेशान रहते हैं। मल्टीलेवल पार्किंग के बाद भी अधिकांश वाहन मार्केट के आसपास ही खड़े होते हैं।
Published on:
21 Oct 2024 01:16 pm
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