
MP News : स्कूल में बम है… फ्लाइट में बम है…! ऐसे धमकी भरे फर्जी ईमेल अब पुलिस का सिरदर्द नहीं बनेंगे। दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी (एनएएफएसयू) ने ऐसे फर्जी मेल की जांच के लिए विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया है। यह सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से फर्जी ईमेल की गंभीरता परखने के साथ ही इसे भेजने वाले की मनोदशा भी बताएगा।
एनएएफएसयू के निदेशक प्रो. सतीश कुमार का दावा है कि इसकी मदद से साइबर अपराधों की जांच और अधिक सटीकता के साथ की जा सकेगी। इसके साथ ही अपराधियों की पहचान करना कहीं अधिक आसान होगा।
सॉफ्टवेयर धमकी भरे संदिग्ध मैसेज के विभिन्न पहलुओं ईमेल का स्रोत, भाषा शैली, शब्दों के चुनाव, टाइपिंग पैटर्न और आइपी एड्रेस का अध्ययन करके पता लगाता है कि मेल फर्जी है या असली। इसकी मदद से मेल लिखते समय व्यक्ति की मनोस्थिति (जैसे गुस्सा, डर, चिंता या धोखाधड़ी की मंशा) को भी पहचानने में मदद मिलेगी।
-फर्जी मेल की पहचान: यह सॉफ्टवेयर कुछ ही सेकंड में ईमेल की गंभीरता को परख सकता है। इससे फर्जी मेल की पहचान आसान होगी।
-अपराधियों पर लगाम: ऑनलाइन धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग और साइबर ठगी जैसे अपराध करने वालों की पहचान जल्द की जा सकेगी।
-जांच में सहयोगी: इससे मेल भेजने वाले के इरादों को समझने में आसानी होगी, जिससे जांच टीम का अपराधियों तक पहुंचना आसान होगा।
Published on:
09 Mar 2025 09:04 am
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