यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana एमपी में लाड़ली बहनों को 3000 रुपए देने पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान देश में जब लोकसभा चुनाव की गहमागहमी चल रही थी तब मध्यप्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यानि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दुष्कर्म की शिकार एक युवती की पहचान उजागर करने के आरोप में दोनों कांग्रेस नेताओं पर केस लगा दिया। जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया ने हाईकोर्ट HC में याचिका दायर कर कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार ने दुर्भावना रखते हुए यह केस लगाया। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में पुलिस और दोनों नेताओं की शिकायत करनेवाली महिला को भी नोटिस दिया है।
यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana : एमपी में लाड़ली बहनों को कब मिलेंगे 3 हजार रुपए, सामने आया बड़ा अपडेट पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया ने जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई याचिका में उनके खिलाफ जोबट थाने में दर्ज केस को रद्द करने की मांग की है। दोनों नेताओं ने दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप सिरे से नकार दिया। उनका कहना है कि राजनीतिक दुर्भावना के कारण ये केस दर्ज कराया गया है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और झाबुआ पुलिस के अलावा शिकायतकर्ता संगीता बघेल से भी जवाब तलब किया है।
क्या है मामला
झाबुआ के जोबट में 12 साल की एक बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ था। 26 अप्रैल 2023 को हुई इस वारदात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया पीड़ित बच्ची के घर गए। जीतू पटवारी ने बच्ची के परिजनों की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जिसपर जोबट की संगीता बघेल ने दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को उनकी शिकायत की। संगीता की शिकायत पर जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया पर एफआईआर दर्ज कर ली गई।