
भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज सहित शहर के अन्य अस्पतालों में हर रोज लगभग एक मामला ऐसा पहुंचता है, जिसमें लोग मसाज पार्लरों के जाल में फंस कर गंभीर बीमारियों की कगार पर पहुंच रहे हैं। सिर्फ गांधी मेडिकल कॉलेज में ही एक महीने में ऐसे करीब एक दर्जन मरीज पहुंच चुके हैं, जिन्होंने या तो एचआइवी सेंटर्स पर एचआइवी जांच कराई है या मनोचिकित्सा विभाग में अपना उपचार करा रहे हैं।
एक मामले में अभी रिपोर्ट का इंतजार है। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आदर्श वाजपेयी का कहना है कि कई बार मसाज पार्लरों की विशेष सुविधाएं लोगों को मरीज बना देतीं हैं। कई मामले ऐसे आते हैं जो बाद में गंभीर बीमारियों से पीडि़त हो जाते हैं। जरूरी नहीं है कि यह एचआइवी ही हो लेकिन कई बार हैपेटाइटिस और अन्य गंभीर बीमारियां भी ट्रांसफर हो जाती हैं।
मामला एक
दानिश नगर निवासी 23 साल का युवक दो साल से चूना भट्टी स्थित एक मसाल पार्लर पर जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने वहां मिल रहे सभी ऑफर का फायदा भी लिया। अब उन्हें यह डर सता रहा है कि कहीं वे एचआइवी से पीडि़त तो नहीं हैं।
मामला दो
कोलार निवासी एक व्यक्ति भी पास के ही एक मसाज पार्लर का नियमित सदस्य है। इन्होंने भी पार्लर में मिलने वाले ऑफर का उपयोग किया। कुछ दिनों से लगातार बीमार है। जांच रिपोर्ट तो नेगेटिव आई लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मनोचिकित्सक के पास रेफर कर दिया।
मनोचिकित्सक के पास होते हैं रेफर
ऐसे मामलों में अधिकतर मामले मनोचिकित्सक के पास रेफर किए जाते हैं। मनोचिकित्सक डॉ. अवंतिका वर्मा बताती हैं कि अक्सर ऐसे मामले मनोचिकित्सक के पास ही आते हैं क्योंकि यह लोग पहले गलती करते हैं बाद मे डर जाते हैं। ऐसे में हम इनके मन से यह वहम निकालने की कोशिश करते हैं।
विंडो पीरिएड में नहीं लगता पता
एचआइवी संक्रमण का पता लगाना आसान नहीं है। वायरस शरीर में पहुंचने के बाद विंडो पीरियड शुरू हो जाता है जो चार सप्ताह से लेकर 12 से 16 सप्ताह तक हो सकता है। इस दौरान वायरस सुप्त अवस्था में रह कर शरीर में अपनी उपस्थिति मजबूत करता है। सामान्य टेस्ट से इसका पता नहीं लग पाता। इसके लिए विशेष टेस्ट किए जाते हैं।
एचआइवी प्रमुख लक्षण
- लगातार कई दिनों तक बिना कारण के बुखार बना रहना और किसी दवा से ठीक न होना।
- वजन कम होते जाना एवं तीन महीनों में ही रोगी का वजन 20 प्रतिशत कम होना
- लगातार एक महीने के ऊपर पतले दस्त लगना और दवाओं से ठीक न होना। जरूरत से ज्यादा थकान का अनुभव होना
- मांसपेशियां तनावग्रस्त और अकड़ी रहना। फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं, इसमें बुखार, थकान, मांसपेशियों में खिचाव, जोड़ों का दर्द सूजन और सिरदर्द
हमारी ओपीडी में ऐसे मामले आए हैं जो मसाज पार्लर के ऑफर के बाद मानसिक रूप से परेशान हो गए। गूगल से मिलने वाली जानकारी और दोस्तों के ज्ञान से व्यक्ति डर जाता है और खुद को रोगी समझने लगता है।
-डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ मनोचिकित्सक
Published on:
15 May 2018 06:19 pm
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