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अब प्ले स्कूल संचालकों की नहीं चलेगी मनमर्जी, ये है गाइडलाइन

मनमर्जी से नहीं होगा प्ले स्कूल का संचालन, मनमानी फीस भी नहीं वसूल पाएंगे...

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भोपाल. प्ले स्कूल संचालकों की मनमानी पर अब लगाम लगेगी। यहां तक कि अब मनमर्जी से कहीं पर भी प्ले स्कूल नहीं खोला जा सकेगा। प्ले स्कूल खोलने के लिए अब महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति लेनी होगी। संपूर्ण गाइडलाइन के अनुसार भवन व अन्य व्यवस्थाएं होना अनिवार्य कर दिया गया है। जिस स्थान पर स्कूल खोला जाएगा, उसका स्थानीय अधिकारी निरीक्षण करेंगे।

प्ले स्कूल संचालकों की नहीं चलेगी मनमानी
सबकुछ तय मापदंडों के अनुसार पाए जाने पर ही संचालन की अनुमति प्रदान की जाएगी। स्कूल संचालित करने के लिए नई व्यवस्था के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्री नर्सरी, केजी व प्ले स्कूलों को मान्यता देंगे। नई गाइडलाइन के अनुसार प्ले स्कूल खोलने वालों को जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। संबंधित अधिकारियों की टीम दौरा कर निरीक्षण करेगी। दरअसल महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल कमीशन और प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने यह गाइडलाइन तैयार की है। गाइडलाइन का पालन नहीं होने पर स्कूल बंद कर दिए जाएंगे।

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निजी प्ले स्कूलों के लिए यह है गाइडलाइन
- प्ले स्कूलों को हर साल मान्यता नवीनीकरण अनिवार्य।
- अगर कोई प्ले स्कूल को बंद करता है, तो इसकी भी अनुमति लेनी होगी।
- नियमों पर खरा नहीं उतरा तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा।
- बच्चों की फीस हर साल शासन से निर्धारित की जाएगी, कोई भी मनमानी फीस नहीं वसूल सकेगा।
- पालक व शिक्षक एसोसिएशन का भी गठन अनिवार्य है, जो स्कूल का समय-समय पर निरीक्षण करेंगे।
- तीन या चार घंटे से ज्यादा कक्षाओं का संचालन नहीं होगा।
- एक कक्षा में 20 बच्चों पर एक शिक्षक व एक सहायक होना चाहिए।
- बच्चों के लिए आराम करने का कमरा, दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय, लड़के व लड़कियों के लिए अलग शौचालय होने चाहिए।
- खेलकूद गतिविधियों के लिए ग्राउंड व पूरे परिसर में सीसीटीवी अनिवार्य है।
- सुरक्षित भवन के अलावा फायर सेफ्टी का प्रबंध जरूरी है।
- स्कूल के अंदर लाइब्रेरी अनिवार्य है, जिसमें आडियो-वीडियो सुविधा हो।
- बच्चों के साथ स्टाफ का भी रिकार्ड अपडेट होना चाहिए।
- संचालक या प्राचार्य पर जेजे एक्ट व पाक्सो एक्ट के साथ अन्य कोई आपराधिक प्रकरण नहीं होना चाहिए।
- तीन वर्ष से कम व छह वर्ष से अधिक आयु के बच्चे नहीं पढ़ाए जा सकते।
- मान्यता के लिए कम से कम दो अधिकारियों की कमेटी निरीक्षण करेगी और ब्लॉक स्तर के अधिकारी शामिल होंगे।

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