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एमपी में 8 महीने से अटके थे एग्रीमेंट, PMO से फटकारा गया तो मचा हड़कंप

PM Kusum Yojana: 574 लोगों से पावर मैनेजमेंट कंपनी के अफसर बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) नहीं कर रहे।

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PM Kusum Yojana

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PM Kusum Yojana: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाली पीएम कुसुम योजना को मध्यप्रदेश में कई अफसर अटकाने में लगे हैं। इसमें कमाई जैसी कई वजह बताई जा रही है। 574 लोगों से पावर मैनेजमेंट कंपनी के अफसर आठ महीने से प्रस्तावित सोलर प्लांटो में उत्पादित होने वाली बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) नहीं कर रहे।

मामला पीएमओ के संज्ञान में आया तो हड़कंप मच गया। कंपनी ने बुधवार को आनन-फानन में 574 में से 169 लोगों को पीपीए के लिए बुला लिया, जो 20 से 22 के बीच होंगे।

सरकार खरीदेगी बिजली

असल में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत लोगों को खुद के स्तर पर सोलर प्लांट लगाने की सहूलियत दी जा रही है। इसमें किसानों को खास तवज्जो है। उत्पादित होने वाली बिजली को सरकार द्वारा खरीदा जाना है।

इसमें अलग-अलग जिलों के 1000 से अधिक लोगों ने आवेदन किए हैं, इनमें से ऊर्जा विकास निगम ने बीते साल जुलाई में 58, सितंबर में 158 और नवंबर में 358 को स्वीकृति पत्र भी जारी किए थे। इसके बाद पीपीए होने थे, जो कि पावर मैनेजमेंट कंपनी को करने थे, लेकिन 8 महीने से इन्हें अटकाया जा रहा था।

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जानिए योजना में क्या है शामिल

-किसान या अन्य आवेदक 500 किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट तक प्लांट लगा सकते हैं।

-कुल लागत पर 80 फीसदीकर्ज बैंक देंगी, 20 फीसदी राशि आवेदक को लगानी होगी।

-एक मेगावाट के लिए न्यूनतम पांच एकड़ जमीन के साथही 5 से 8 करोड़ खर्च आता है।

-उत्पादित सोलर बिजली को सरकार 3 रुपए, 17 पैसे प्रति यूनिट की दर पर खरीदेगी।

-आवेदक को निगम से स्वीकृति पत्रक के 30 दिवस के अंदर पीपीए के लिए दस्तावेज, बैंक, गारंटी, शुल्क पावर मैनेजमेंट कंपनी में जमा करना होगा।

-कंपनी को ऐसे आवेदनों में 60 दिवस के अंदर पीपीए करने थे।

कमाई की जुगाड़ में थे कुछ अफसर

सूत्रों के मुताबिक कुछ अफसर पीपीए के बदले कमाई का इंतजार कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि जब यह मामला पीएमओ के संज्ञान में आया तो कंपनी ने 169 आवेदकों को 20, 21 व 22 फरवरी को पीपीए के लिए बुला लिया।