22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजनीतिक नियुक्ति का इंतजार कर रहे जनप्रतिनिधियों को मोहन सरकार ने दिया झटका

MP Government Political Appointments: मोहन सरकार ने पांच महीने में अपना ही आदेश पलटते हुए आइएएस को निगम-मंडलों में नियुक्ति देना शुरू कर दिया है। शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की है...

2 min read
Google source verification
MP Government

MP Government Political Appointments

MP Government Political appointments: मोहन सरकार ने पांच महीने में अपना ही आदेश पलटते हुए आइएएस को निगम-मंडलों में नियुक्ति देना शुरू कर दिया है। शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल को मंगलवार को निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया।

10 सितंबर 2024 को सरकार ने निगम-मंडलों से प्रशासक एवं प्राधिकृत अधिकारियों को हटा दिया था। इनकी जिम्मेदारी विभागीय मंत्रियों को दी थी। अब फिर अफसरों की नियुक्ति शुरू होने से भाजपा में अंदरूनी विरोध तेज हो गया है।

मोहन सरकार ने दिसंबर 2023 में निगम-मंडलों के अध्यक्षों को हटा दिया था। अंदाजा लगाया गया था कि सरकार जल्द नए सिरे से राजनीतिक नियुक्तियां करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को पदेन अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई थी।

सितंबर 2024 में सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में निर्णय लेने के बाद आइएएस को निगम-मंडलों से बाहर किया था तब फिर राजनीतिक नियुक्तियों के द्वार खुलने की अटकलें तेज हो गईं थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह एसीएस को अध्यक्ष मनोनीत किया है, ठीक उसी तरह राजनीतिक नियुक्ति की जा सकती है, पूर्व में ऐसा हुआ है। यदि सरकार को इसमें भी दिक्कत थी तो प्रतिनिधि नियुक्त किया जा सकता था।

ये भी पढ़ें: CM का भरोसा नहीं जीत पाए IAS भरत यादव, नेहा मारव्या की तेज-तर्रार छवि पड़ी भारी

ये भी पढ़ें: भोपाल में दौड़ेगी अंडरग्राउंड मेट्रो, 769 करोड़ के खर्च से 30 मीटर गहराई में बनेंगी ट्विन टनल


तर्क- काम संभालने के लिए दिया

वन विभाग के कुछ अफसरों का तर्क है कि उक्त निगम के अध्यक्ष वन मंत्री होते हैं, जो कि रामनिवास रावत थे। विजयपुर विस उपचुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तब से विभाग सीएम के पास है। सूत्रों के मुताबिक निगम से जुड़ी रूटीन बैठकों में सीएम का शामिल होना संभव नहीं होता। ऐसे में एसीएस को अस्थाई अध्यक्ष मनोनीत किया है।

चर्चा यह भी

सूत्रों के मुताबिक विभाग की जमीनें उद्योगों के नाम पर निजी हाथों में देने की तैयारी है, लेकिन वन नियमों के तहत केंद्र से सहमति जरूरी होती है, जो संभव नहीं। इसके लिए राज्य वन विकास निगम का सहारा लिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पहले वन विभाग की जमीन निगम को दी जाएगी। यहां से निजी हाथों में जमीन देना आसान होगा।

फिर सुर्खियों में

सीएम ने 2024 में रातापानी अभयारण्य को रिजर्व घोषित करने की सहमति दी थी, लेकिन एसीएस बर्णवाल यह काम समय पर नहीं करवा सके। अक्टूबर में 10 हाथियों की मौत हुई थी, तब भी विभाग की पोल खुली थी। अब निगम-मंडलों में पांच माह बाद हुई किसी आइएएस की नियुक्ति से एसीएस बर्णवाल फिर सुर्खियों में है।

ये भी पढ़ें: सभी सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, थानों में क्यूआर कोड, एमपी में आज से शुरू हुई नई व्यवस्था

ये भी पढ़ें: महाकुंभ में स्नान के बाद आया सडन कार्डियक अरेस्ट, दो की मौत, ये 10 Symptoms दिखें तो हो जाएं Alert