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20 दाल मिल बंद, 40 से ज्यादा में मंडरा रहा है संकट, हो सकती है किल्लत

locationभोपालPublished: Feb 22, 2022 12:25:22 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

-20 दाल मिल बंद, 40 से ज्यादा संकट में-राजधानी और आसपास के क्षेत्र में 25 मिल शटडाउन-मप्र की दाल महंगी, पड़ोसी राज्यों का रुख कर रहे व्यापारी…..

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pulse mills

कटनी/ भोपाल। मध्यप्रदेश की मिलों में दाल बनाने, दूसरे राज्यों से मंगवाए जाने वाले कच्चे माल पर लगने वाले मंडी टैक्स ने प्रदेश के मिल मालिकों को बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिकना मुश्किल कर दिया है। मप्र में कच्चा माल मंगवाने पर मंडी और निराश्रित टैक्स 1.70 प्रतिशत देना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में यह 0.5 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में तो बिल्कुल नहीं है। इस टैक्स से दाल की कीमत बढ़ी तो थोक व्यापारियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का रुख किया। असर यह हुआ कि मध्यप्रदेश की दाल मिलें बंद होने के कगार पर पहुंच गई हैं। अकेले कटनी में 20 से ज्यादा दाल मिलें बंद हो गई हैं। 40 से ज्यादा जो चल रहीं हैं, वे भी मुश्किल में हैं।

दाल मंगवाने पर कोई टैक्स नहीं, बढ़े डीलर

मध्यप्रदेश में दाल के लिए कच्चा माल मंगवाने पर तो टैक्स लगता है, लेकिन दूसरे राज्यों से दाल मंगवाने पर कोई टैक्स नहीं है। नतीजतन दाल बिक्री के डीलर बढ़ गए और मिल बंद होने के कगार पर पहुंचने से कुशल श्रमिक और मजदूर बेरोजगारी के कगार पहुंच गए।

चुनाव खत्म तो छूट भी खत्म, फिर नहीं ली सुध

2018 में मप्र विधानसभा चुनाव से पहले टैक्स में छूट दी गई थी। अवधि अगस्त 2019 में समाप्त होने के बाद से दोबारा नहीं बढ़ाई गई। दाल मिल मालिक इसके लिए 30 माह से मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने सुध नहीं ली। 1994 से अब तक मंडी टैक्स में छूट के लिए 11 बार आदेश जारी हुआ। कई बार पांच साल के लिए तो कई बार तीन साल और तीन महीने के लिए जनवरी 2017 में छूट की अवधि समाप्त होने के बाद 20 माह तक छूट नहीं मिली। विधानसभा चुनाव से पहले दी गई छूट के अगस्त 2019 में समाप्त होने के बाद से फिर अब तक नहीं मिली।

अब बचीं सिर्फ पांच

राजधानी भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में भी दाल मिलों की स्थिति काफी खराब है। एक दशक पहले 30 से ज्यादा मिलें थीं जो मुश्किल से पांच बची हैं, वे भी आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं। भोपाल ऑयल सीड्स ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी के अनुसार सरकार की उपेक्षा के चलते दाल मिलर पलायन कर रहे हैं। बाहर से खड़े अनाज के बजाय दाल भेजी जा रही है।

कटनी में मिलें इसलिए बंद हो की कीमत बढ़ने के कारण बाजार में टिक नहीं पा रहे। जो मिल चल रहीं हैं तो मजबूरी में, क्योंकि बंद होने पर बैंक लोन कैसे चुकेगा। मंडी टैक्स में छूट की कई बार मांग कर चुके हैं।

झम्मटमल ठारवानी, पदाधिकारी, दाल मिल एसोसिएशन कटनी

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