
भोपाल@रूपेश मिश्रा
नामीबिया और साउथ अफ्रीका से मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर वन्यजीव विशेषज्ञ तक चिंता जता रहे हैं। दरअसल चिंता इस बात को लेकर है कि आखिर इतने कम समय में चीतों की मौत क्यों हो रही है। बता दें पिछले दो महीनों में ही चार चीतों की मौत हो गई। लिहाजा इसको लेकर पत्रिका ने मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष एम के रंजीत सिंह से बात की। जिसपर उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर ब्यूरोक्रेसी हावी है। हमने जो सुझाव दिए उनकी पालना क्यों नहीं हो रही है। आखिर क्यों नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनों के पिंजरे में बंद कर रखा गया है। उनके हाथ- पैर बंद हो गए हैं। क्यों उनको राजस्थान के मुकुंदरा नहीं भेजा जा रहा है। ऐसा मैं नहीं कहता कि मुकुंदरा ले जाने से चीतों की मौत रूक जाएगी। लेकिन कम से कम जिस रफ्तार से चीतों की मौत हो रही है उसे रोकने के लिए एहतिहात तो बरते जा सकते हैं।
एनटीसीए 24 अप्रैल को खारिज कर चुका है राजस्थान का प्रस्ताव
बता दें राजस्थान के मुकुंदरा में चीतों को बसाने को लेकर साल 2022 में पत्र लिखा गया था। जिसके जवाब में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की ओर से 24 अप्रैल 2022
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को पत्र का जवाब देते हुए बगैर कोई ठोस कारण बताए प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। इस मसले पर राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीएन पांडे और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट जता चुका है चिंता
बता दें लगातार कूनो नेशनल पार्क में हो रही चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है. कोर्ट ने कहा कि चीतों को सिर्फ एक जगह बसाना सही नहीं होगा। उन्हें किसी और अभ्यारण्य में भी बसाने की कोशिश की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चीता प्रोजेक्ट देश के लिए एक अहम परियोजना है। नए अभ्यारण्य का चुनाव करते समय दलगत राजनीति सो जुड़ी सोच का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का वक्त आ गया
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट में कुछ मौत तय थी लेकिन इतनी तेज रफ्तार से मौत होने होने पर मध्यप्रदेश वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर अब जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने का वक्त आ गया है।
इस प्रकार हुई चार चीतों की मौत
चीता का नाम---तारीख----मौत की प्राथमिक वजह
साशा----27 मार्च-----किड़नी में संक्रमण
उदय---23 अप्रैल----कार्डियक अरेस्ट
दक्षा---09 मई-----आपसी संघर्ष
ज्वाला के शावक---23 मई-----डिहाइड्रेशन
ज्वाला के दो शावक---25मई---डिहाइड्रेशन
Published on:
26 May 2023 07:34 pm
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