पत्रकार और लेखक शैलेंद्र तिवारी ने अपनी किताब रावण एक अपराजित योद्धा में। उन्होंने अपनी किताब में दावा किया है कि तीनों लोकों में सबसे शक्तिशाली होने के बाद भी रावण छह महीने मध्यप्रदेश के महेश्वर में कैद रहा था। जिसका तत्कालीन नाम महिष्मति था, वही महिष्मति जिसे बाहुबलि फिल्म में दिखाया गया है। यह किताब दावा करती है कि सीता कभी लंका गई ही नहीं थीं, उनकी जगह पर दूसरी स्त्री लंका गई थी। इस बात को खुद रावण भी जानता था। बावजूद इसके वह उसे लंका लेकर गया था।