6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रमज़ान : खुद पर नियंत्रण और बुराई से बचना सिखाता है रोज़ा, सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं

इन दिनों कोरोना संकट के चलते सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने और लॉकडाउन का पालन करने के लिए सभी मस्जिदें बंद कर दी गई हैं। लोग अपनी नमाज़ें और इबादतें घर में ही अदा कर रहे हैं।

2 min read
Google source verification
news

रमज़ान : खुद पर नियंत्रण और बुराई से बचना सिखाता है रोज़ा, सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं

भोपाल/ आज रमज़ान उल मुबारक का पहला जुमा है। हालांकि, रमज़ान अपने आप में ही बेहद खास महीना माना जाता है। लेकिन, इस दिन की और भी अहमियत बढ़ जाती है, जिस दिन जुमा होता है। आम दिनों में इस दिन दुनियाभर की सभी मस्जिदों में जोर शोर से इबादतें की जाती थी। जुमा की नमाज का खास अहतमाम होता था। हालांकि, इन दिनों कोरोना संकट के चलते सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने और लॉकडाउन का पालन करने के लिए सभी मस्जिदें बंद कर दी गई हैं। लोग अब अपनी नमाज़ें और इबादतें घर में ही अदा कर रहे हैं।

पढ़ें ये खास खबर- रमज़ान : गुनाहों से निजात दिलाता है ये पाक महीना, बस इस तरह कर लें इबादत



ये है रोज़े का खास मकसद

मुफ्ती फैय्याज आलम ने बताया कि, असल में रमजान का मकसद अकीदतमंदों को सिर्फ भूखे रखना मकसद नहीं है, बल्कि रोज़े का मकसद है कि, हम खुद पर नियंत्रण रखने की क्षमता को पहचानें, रोजा हमें बुराइयों से दूर रहना सिखाता है, गरीब-भूखों का दर्द महसूस कराता है, ताकि आपके दिल में इनकी फिक्र बनी रहे, रोजा हमें दूसरों की मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है। न बुरा देखो और न बुरा सुनो और न बुरा बोलो, कुछ ऐसा ही संदेश रमजान देता है।

पढ़ें ये खास खबर- रमज़ान : खजूर से ही क्यों खोला जाता है रोज़ा? जानिए इसके बेशुमार फायदे


घरों में रह कर करें इबादत

इस रमजान में हमारे मुल्क के साथ साथ पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। विश्व के तमाम देश कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में इसका प्रभाव पर्व-त्योहारों पर पड़ना भी स्वभाविक है। मुफ्ती फैय्याज ने कहा कि, कोरोना को लेकर लॉक डाउन चल रहा है। जिसका सभी को पालन करना चाहिए। हम सभी को घर में ही रहकर इबादत करें। हमे घर में रहकर अल्लाह कि इबादत करते हुए अपने घरों को पाक वा पाकीज करें। अल्लाह की बारगाह में हम सब की दुआ है कि, जल्द से जल्द इस महामारी से हमारे देश के साथ पुरे विश्व को निजात मिले।

जनतरी से जाने सेहरी और इफ़्तार का सही वक्त