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मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाने की मांग उठी, VHP और साधू संतों का राजधानी में प्रदर्शन, देखें Video

MP News : विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष के.एल शर्मा का कहना है कि देश शांति का टापू है, हिंदू भी शांत हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं पर शांत नहीं रहेंगे। अगर सरकार द्वारा उनकी दोनों मांगें नहीं मानी गई तो हिंदू देश अशांत हो जाएगा

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MP News : मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने और तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटखोरी करने के दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और साधु संतों ने मोर्चा खोलते हुए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया। कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम हाउस की तरफ कूच करने निकले प्रदर्शनकारियों ने अचानक रास्ता बदलते हुए डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बंगले का घेराव कर दिया।

मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष के.एल शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि देश शांति का टापू है, हिंदू भी शांत हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं पर शांत नहीं रहेंगे। अगर सरकार द्वारा उनकी दोनों मांगें नहीं मानी गई तो हिंदू देश अशांत हो जाएगा।

'हमारा धर्म, हमारा दान फिर नियंत्रण सरकारी क्यों?'

शर्मा ने कहा कि, पिछले 77 सालों से सरकार मंदिरों को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हमारा धर्म, हमारा दान फिर नियंत्रण सरकारी क्यों? इस दौरान उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटखोरी के मामले के दोषी को भी फांसी देने की मांग की। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार खुद कार्रवाई नहीं कर सकती तो आरोपी को हमारे हवाले करे। क्योंकि, शांत हिंदू हथियार उठाना और दंड देना भी जानता है।

यह भी पढ़ें- एमपी में फिर एक 5 साल की मासूम से दरिंदगी, PCC चीफ बोले- बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार से उम्मीद करना बेकार..

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संतों ने भी खोला मोर्चा

विस्व हिंदू परिषद ही नहीं, संत समाज ने भी मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। संतों का कहना है कि मस्जिद प्राइवेट और मंदिर सरकारी क्यों है ? मस्जिद में काजी को सरकारी आर्थिक लाभ और सरकार का अधिपत्य नहीं और मंदिर पर सरकार का अधिपत्य के साथ पुजारियों को कोई सरकारी लाभ नहीं है। संत समाज ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक देश, दो धर्म, दो व्यवस्थाएं क्यों?