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विश्वविद्यालयों की बढ़ेगी जिम्मेदारी, सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ेंगे

locationभोपालPublished: Sep 24, 2021 11:04:12 pm

सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार के साथ जागरूकता भी करेंगे

भोपाल। विश्वविद्यालयों को अब काम-काज का तरीका बदलना होगा। उन्हें शिक्षण और शोध कार्य के साथ सामाजिक सरोकारों के काम भी करना होंगे। प्रयास होगा कि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए, उन्हेंं उनके अधिकार और करतव्य बताए जाएं। सरकारी योजनाओं की जानकारी होगी तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकेंगे।
राजभवन की निर्देश पर विश्वविद्यालयों ने गांवों को गोद लिया है। इसके तहत यहा स्वच्छता, जागरूकता के साथ अन्य कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब इन्हें यह भी सरकारी येाजनाओं के बारे में जागरूक करना होगा। विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि लोगों के बीच जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विषयों पर बातचीत करें। कल्याकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उन्हें प्रेरित करें। आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए।
एक अम्बे्रला के नीचे आए विश्वविद्यालय –

नई व्यवस्था के तहत राज्य के विश्वविद्यालयों को एक अम्ब्रेला के नीेचे लाया गया है। इसके लिए विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। राजभवन से इसकी सीधे तौर पर मॉनीटरिंग होती है। इसमें विश्वविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रम के साथ यहां उपलब्ध शैक्षणिक अमला, विषय विशेषज्ञों की जानकारी उपलब्ध होती है। जरूरत पडऩे पर अन्य विश्वविद्यालय विषय विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं। इसी सॉफ्टवेयर में विश्वविद्यालयों के सामाजिक सरोकारों की जानकारी भी दर्ज करना होती है। गोद लिए गए गांवों की जानकारी राजभवन सीधे तौर पर मांग चुका है।
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