
शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के दायरे का जल्द विस्तार होगा। इसके दायरे में 9 वीं से 12 तक के बच्चों को भी लाया जाएगा। इस अधिकार से वंचित बच्चों को यह सुविधा देने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से चर्चा करेंगे। ये बातें स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बुधवार को मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग की कार्यशाला में कहीं। वे बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। अभी निजी स्कूलों में पहली से 8 वीं तक की कक्षाओं में आरटीई लागू है।
बनेगा वन इनरोलमेंट-वन स्टूडेंट सिस्टम
प्रदेश में वन इनरोलमेंट-वन स्टूडेंट का भी सिस्टम बनाया जाएगा ताकि प्रवास के दौरान मेहनतकश मजदूर के बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रह सके। अभी यह व्यवस्था नहीं होने से प्रवास के दौरान मजदूरी करने वाले परिवार के बच्चों को बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। ऐसा होने से शाला त्यागने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी।
यहां पढ़ें RTE Facts
- आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा RTE अधिनियम 2009 के तहत राज्य के सभी निम्न वर्ग परिवार के बच्चों को कक्षा 8वीं तक निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
- भारतीय संविधान के अंतर्गत शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अनुच्छेद 21 ए के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है।
- RTE MP Admission के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के बच्चे की दाखिला लेने हेतु योग्य होंगे।
- राज्य के जो भी इच्छुक नागरिक अपने बच्चों का दाखिला आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत कराना चाहते हैं। तो उन्हें मध्यप्रदेश राज्य Right to Education (RTE) Portal की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
- इसमें लॉटरी के माध्यम से एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जाती है।
Updated on:
25 Jan 2024 11:16 am
Published on:
25 Jan 2024 11:08 am
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