
आरटीओ में दलालों का धंधा, फिटनेस दो साल की तो दलाली भी लगेगी डबल
भोपाल. राजधानी का परिवहन विभाग कार्यालय, यहां अफसरों की नहीं बल्कि दलालों की हुकूमत चलती है। कोई भी काम बिना दलालों के नहीं होता है। इनकी इतनी तूती बोलती है कि उन्होंने आरटीओ के पैरेलल एक सिस्टम खड़ा कर लिया है। दलालों की हुकूमत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दलाल अब सरकारी सिस्टम के अनुसार ही दलाली के रेट तय करते हैं। हालात यह है कि अगर केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय अपनी सेवाओं के शुल्क बढ़ाता है तो दलाली भी बढ़ जाती है। बड़ी बात यह है कि अधिकारियों को यह सब पता होने के बावजूद भी इसको नजरअंदाज कर रहे हैं। यहां आने वाले आवेदकों को बाबू के पहले दलालों से संपर्क करना पड़ता है, लेकिन आरटीओ के अधिकारी जानकर भी अनजान हैं।
अब तो दो साल बाद आओगे तो फीस तो लगेगी
साकेत नगर निवासी रोहन शर्मा अपने ऑटो की फिटनेस कराने आरटीओ गया तो दलाल ने उसे पकड़ लिया। रोहन ने कहाकि उसे दो साल की फिटनेस कराना है। दलाल ने कहा 2600 लगेंगे, तो रोहन ने कहा पहले तो 1200 रुपए लिए थे। इस पर दलाल ले कहा कि दो साल की फिटनेस कराओगे तो फीस भी दो गुनी लगेगी। उसने कहा कि अधिकारी कहते हैं कि गाड़ी अब दो साल बाद आएगी। वैसे बता दें कि फिटनेस की सरकारी फीस करीब 600 रुपए के आसपास होती है।
भीड़ का फ ायदा उठाते हैं दलाल
आरटीओ ऑफिस में हर रोज दो से ढाई हजार लोग काम के लिए आते हैं। इनमें से बहुत से अपना काम कराने के लिए दलालों की सहायता लेते हैं। इस काम के लिए दलाल अच्छी खासी रकम वसूलते हैं। चार पहिया गाडिय़ों के लिए लर्निग लाइसेंस फ ीस 450 रुपए तक है। लेकिन दलाल इसकी कीमत दो हजार रुपए तक वसूलते हैं।
फेल से पास तक कराते हैं
यहां दलालों की बाबुओं से जबरदस्त गठजोड़ है। पैसा ऐंठने के लिए ये किसी हद तक चले जा रहे हैं। लाइसेंस के लिए टेस्ट देने वाला कंप्यूटर न भी जानता हो तो कोई बात नहीं। दलाल उसे पास करा देते हैं। टेस्ट के दौरान दलाल आवेदक के पीछे खड़े हो जाते हैं। वहीं जिनकी दलालों से सेटिंग नहीं हो पा रही है वह फेल हो जाता है।
वर्जन
ऐसा नहीं है, अब सारा काम ऑनलाइन हो रहा है। लोगों को चाहिए वे दलालों के फेर में ना फंसे। इसके बावजूद कोई इस तरह से परेशान कर रहा है तो मुझे बताएं मैं कार्रवाई करूंगा।
संजय तिवारी, आरटीओ
ये काम होता है आरटीओ में
3000 रजिस्ट्रेशन हर माह होते हैं
900 ड्राइविंग लाइसेंस हर माह बनते हैं
3000 गाडिय़ां हर माह फि टनेस के लिए आती हैं
100 गाडिय़ां हर माह ट्रांसफ र होती हैं
100 गाडिय़ों का हर माह परमिट बनता है
यह है दलाली का रेट
पंजीकरण : 1000 से 1500
डीएल पर कमाई : 1000 से 1200 प्रति लाइसेंस
फि टनेस पर : 800 से 2000 रुपए
गाड़ी ट्रांसफर पर : 2000 रुपए
गाड़ी परमिट : इसको तय करना मुश्किल है। रूट के अनुसार इसकी कीमतों लाखों में है। फि र भी औसतन 50000 रुपए माना जा सकता है।
Published on:
18 May 2019 06:06 am
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