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‘मैरिज सर्टिफिकेट’ बनवाने के लिए बदल गया है नियम, 2 जगह कराने होंगे रजिस्ट्रेशन

फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने के पहले निगम में भी कराना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन....

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Kanpur Shadi Anudan

Kanpur 20 Year Youth Caught Red Handed in Shadi Anudan

भोपाल। हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों को अब पहले नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन में उसकी शादी रजिस्टर्ड की जाएगी। दरअसल शहर में बढ़ रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए ये कदम उठाया गया ये कदम उठाया गया है। ऐसे में एक शादी के दो जगह रजिस्ट्रेशन होंगे।

अधिकारियों का मानना है कि इससे और पारदर्शिता आएगी। जिला प्रशासन में स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन किए जाते हैं। जिसके लिए रोजाना आठ से दस आवेदन आते हैं। इसमें काफी ऐसे लोग भी होते हैं जो विदेश जाना चाहते हैं। तो कई सिर्फ शादियों का रजिस्ट्रेशन ही कराने तक सीमित हैं। ऐसे जोड़े जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है। उन्हें एक साल के अंदर मिलने वाली दो लाख रुपए की सरकारी सहायता के लिए आवेदन करना पड़ता है।

यह आवेदन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के दफ्तर में किया जाता है। जिसमें एक साल के अंदर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। अगर किसी की शादी को एक साल से अधिक समय गुजर गया है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलता । इन लाभों के लिए कुछ लोग फर्जीवाड़ा भी करते हैं। अधिकारियों का मानना है कि वार्ड स्तर पर क्रॉस चेक या रजिस्ट्रेशन के बाद काफी हद तक फर्जीवाड़े पर रोक लग जाएगी।

मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना क्यों जरूरी है

आज के समय में मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना बेहद जरूरी है। इसकी सबसे जरूरी बात ये है कि इससे आपकी शादी को कानूनी मान्यता मिलती है लेकिन, बहुत कम लोग ही मैरिज सर्टिफिकेट बनवाते हैं। बिना मैरिज सर्टिफिकेट के लड़का-लड़की कानून पति-पत्नी नहीं होते हैं। यह उनकी शादी का प्रमाण है।

इस सर्टिफिकेट के बनवाने के कई और भी फायदे हैं। इससे आपको कई तरह की सरकारी योजानाओं का लाभ भी मिल सकता है। इसके साथ ही शादी में हुई किसी तरह की धोखाधड़ी या तलाक के मामलों में भी मैरिज सर्टिफिकेट सबसे अहम डॉक्यूमेंट होता है। इसे बनवाने के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या अपने SDM कार्यालय में जाकर इसे बनवा सकते हैं।