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एमपी में रजिस्ट्री कराना पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस हुआ,भारत सरकार ने दिया ई-गवर्नेंस अवार्ड

Sampada- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नई पहचान बना रहा है। पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में अग्रणी बन चुका है।

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Sampada 2.0 receives e-Governance Award for paperless registry in MP

Sampada 2.0 receives e-Governance Award for paperless registry in MP

Sampada- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नई पहचान बना रहा है। पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में अग्रणी बन चुका है। प्रदेश में रजिस्ट्री कराना पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस हो चुका है। इसके लिए संपदा 2.0 को भारत सरकार ने ई-गवर्नेंस अवार्ड दिया है। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश ने इसके साथ ही एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। संपदा 2.0 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार-2025 से नवाजा गया है। तकनीक के माध्यम से शासन व्यवस्था में परिवर्तन लाने की श्रेणी- गवर्नमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग बाई यूज ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन-में यह सम्मान प्रदान किया गया है। पिछले साल भी प्रदेश को लास्ट माइल कनेक्टिविटी श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार मिला था।

विशाखापट्टनम में ई-गवर्नेंस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। यहां केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह एवं भारत सरकार के डीएआरपीजी सचिव वी श्रीनिवास ने एमपी को यह अवार्ड प्रदान किया। प्रदेश के महानिरीक्षक पंजीयन अमित तोमर तथा संपदा परियोजना अधिकारी स्वप्नेश शर्मा ने अवार्ड ग्रहण किया।

ई-गर्वेनेंस अवार्ड मिलना ऐतिहासिक उपलब्धि

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि सम्पदा 2.0 ने संपत्ति एवं दस्तावेजों के पंजीयन को पूर्णत: पेपरलेस और फेसलेस बना दिया है। इससे लोगों को जहां बिना कार्यालय आए सुरक्षित और सरल पंजीयन की सुविधा मिलती है वहीं इससे पारदर्शिता व दक्षता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

बता दें कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां दस्तावेजों का पूर्णतः पेपरलेस ई-पंजीयन प्रारंभ किया गया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत करीब 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का फेसलेस पंजीयन वीडियो केवाईसी के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया धोखेबाजी और भूमि विवादों को कम करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।

सम्पदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित आधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब एमपी में नागरिक कहीं से भी, कभी भी www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल अथवा मोबाइल एप से ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकते हैं और राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देख सकते हैं। पंजीयन पूर्ण होते ही दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध हो जाते हैं।

सीएम मोहन यादव ने बधाई दी

गौरतलब है कि पिछले साल भी लास्ट माइल कनेक्टिविटी श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार राज्य को प्राप्त हुआ था। लगातार दूसरे साल राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि हासिल करने पर सीएम मोहन यादव ने परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है।