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दुग्ध संघ घोटाला: दूध में मिलावट के खेल में एक दर्जन अधिकारी- कर्मचारी शामिल

पहली समिति के सदस्यों से टैंकर के फंदा में असुरक्षित स्थिति में रखने पर सवाल किए, जवाब नहीं मिला

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Arvind Khare

Mar 22, 2016

sanchi

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भोपाल.
भोपाल दुग्ध संघ के दूध में पानी की मिलावट के मामले में संघ के कई अधिकारी शामिल हैं। सोची-समझी रणनीति के तहत दूध में पानी मिलाने का खेल चलता था और बैरल भी बदल दिया जाता था। मामले की जांच के लिए गठित हाईपावर कमेटी और तीन पूर्व सीईओ वाली पहली कमेटी की सोमवार को हुई बैठक का नतीजा यही निकला। बैठक में जब कमेटी के सवाल हुए तो अनियमितताओं की एक के बाद एक परत खुलती चली गई। पहली जांच कमेटी ने पांच पंचनामे भी सामने कर दिए। बैठक में पहली समिति के दो सदस्य मसरूर आलम खान और पीवीएन रेड्डी उपस्थित हुए। जेआर दारूवाला अवकाश पर होने से बैठक में नहीं आ पाए। हालांकि पहली टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट यह कहकर देने से इंकार कर दिया कि वे इसे एमपीसीडीएफ में पहले ही जमा करा चुके हैं और बैरल के फोटो उसमंे ही हैं। हाईपावर कमेटी का कहना है कि वे इस रिपोर्ट को एमपीसीडीएफ से ले लेंगे। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।


जांच होगी तेज, जल्द सामने आएंगे नाम


बैठक के बाद जिस तरह के तथ्य सामने आए, उसके आधार पर भोपाल दुग्ध संघ समेत एमपीसीडीएफ के एक दर्जन अधिकारी- कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। हाईपावर कमेटी अब इनसे कभी भी पूछताछ शुरू कर सकती है। पहली समिति की रिपोर्ट पर भी कई सवाल खड़े हुए। इसकी जांच भी की जा रही, इसे बनाने वाले समिति सदस्य भी इसके घेरे में है।


कई सवालों के जवाब गोल मोल दिए

पहली समिति के सदस्यों से टैंकर के फंदा में असुरक्षित स्थिति में रखने पर सवाल किए, जवाब नहीं मिला। सदस्यों ने पंचनामे पर चर्चा क्यों नहीं की? इसका गोलमोल जवाब दिया गया। जब सदस्यों को बैरल फंदा में खड़ा मिला और उसमें 1200 लीटर का चैंबर मिला तो उसे दुग्ध संघ परिसर में क्यों नहीं लाया गया? यहां जो बैरल खड़ा है, वह कैसे आया, जैसे सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं मिले।


सीसीटीवी में क्यों नहीं आए फुटेज

भोपाल दुग्धसंघ में मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा रखे है, बावजूद इसके बाहर गया टैंकर सीसीटीवी कैमरे की जद में क्यों नहीं आया। इस मामले में भी यहां के अधिकारी संदेह के घेरे में आए।


बैरल की खोज अब पुलिस के भरोसे

फंदा में जिस बैरल को बताया जा रहा था और जांच में जो गायब मिला, अब उसकी खोज अब पुलिस के भरोसे छोड़ दी गई है। मामले में पुलिस मंे भी एफआईआर की गई है। अब इसे पुलिस के माध्यम से तलाशा जाएगा।


इनका कहना हैं...

हमने कई सवालों के जवाब लिए। रिपोर्ट एमपीसीडीएफ के पास जमा है, हम वहां से ले लेंगे। हमें फोटोग्राफ्ट नहीं मिले, ये भी रिपोर्ट के साथ है। अनियमितता हुई, यह तय है और पांच पंचनामें भी सामने आ गए। अब हमारी जांच तेज होगी। जल्द ही दोषी सामने आएंगे।

- डॉ.़ आरके शर्मा,
अवर सचिव व प्रभारी हाईपावर कमेटी



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