
Saurabh Sharma Case Latest Update: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुत सर्चिंग के बाद मामले में ईडी की एंट्री भी हो गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईडी ने सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौड़ के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। वहीं अब तक की लोकायुक्त जांच में साफ हो गया है कि मेंडोरा में मिली चेतन की गाड़ी में सौरभ की परिवहन विभाग से कमाई काली कमाई थी।
सौरभ के दफ्तर के ठिकानों के आसपास के लोगों ने पत्रिका को बताया कि इस गाड़ी को सौरभ ही इस्तेमाल करता और इस गाड़ी को अपने दफ्तर के सामने खड़ी करने के बजाय पड़ोस के दूसरे या तीसरे घर के सामने खड़ा करता। वह परिवहन की काली कमाई गाड़ी में ही साथ लेकर घूमता था।
लोकायुक्त सर्चिंग में 250 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों की रजिस्ट्री जब्त की है। ये रजिस्ट्री सौरभ ने पत्नी, मां, साली और दोस्तों के नाम से करा रखी है, जो 100 करोड़ पार तक जा सकती है। एक हैरान कर देने वाला तथ्य लोकायुक्त की जांच में यह भी सामने आया है कि उसके पास कोई बैंक लॉकर नहीं था।
लोकायुक्त मामले में पूछताछ तेज करने वाली है, जिसे लेकर सौरभ शर्मा सहित पांच लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। इसमें आरोपी सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या, मां के साथ सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ भी शामिल हंै। साथ ही चेतन के नाम से मिली गाड़ी से मिले सोना और नकदी की जानकारी आयकर विभाग से मांगी है।
बता दें कि सौरभ शर्मा के इस मामले में राज्य से लेकर केंद्र तक 4 जांच एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं। एजेंसियों ने सौरभ की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल उन्हें समन जारी किए गए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि जल्द ही सौरभ की गिरफ्तारी हो सकती है।
आरोपित सौरभ के पिता डॉ. आरके शर्मा डॉटर थे। उनकी 2015 में मृत्यु के बाद सौरभ को परिवहन विभाग में आरक्षक पद पर अनुंकपा नियुक्ति मिली। सौरभ कई चेकपोस्ट में तैनात रहा। सौरभ ने जून 2023 में वीआरएस लिया।
9 साल में भ्रष्टाचार की अकूत संपत्ति को पत्नी दिव्या, मां, साली और अन्य रिश्तेदारों सहित अपने दोस्तों के पास ठिकाने लगाता। उसने करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीदने, होटल और भोपाल में स्कूल में भी खपाया था। सौरभ का एक भाई रायपुर में ईओडब्ल्यू में पदस्थ है। उसे अभी किसी भी प्रकार का समन जारी नहीं किया।
सौरभ के ठिकानों से मिली काली कमाई कहां-कहां से आई और इसके पीछे कौन- कौन किरदार शामिल है। इसकी जांच करने के लिए लोकायुक्त ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसकी जिम्मेदारी डीएसपी वीरेंद्र सिंह को दी है। उनके साथ जांच समिति में दो और सब इंस्पेक्टर शामिल हैं, जो पूरे मामले की जांच करेंगे।
सौरभ के ठिकानों पर सर्चिंग पूरी हो गई है। सभी दस्तावेज सील हैं। डीएसपी वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम जांच करेगी। चेतन की गाड़ी से मिले सोने-कैश की जानकारी के लिए आयकर को पत्र लिखा है।
-जयदीप प्रसाद, एडीजी लोकायुक्त
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Updated on:
24 Dec 2024 08:57 am
Published on:
24 Dec 2024 08:55 am
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