
पुरुषों के मुकाबले इन महिलाओं का दिमाग होता है ज्यादा एक्टिव, जानिए कैसे
भोपालः ये तो हम सभी जानते हैं कि, आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। ये बात अब विज्ञान से भी सिद्ध हो गई है। बल्कि दिमाग की सक्रीयता ( active brain ) की बात की जाए तो, विज्ञानिक तर्क के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का दिमाग ज्यादा सक्रिय ( Male brain vs female brain ) होता है। राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. श्री निवास टंडन ने हाल ही में कैलिफोर्निया में हुए एक अध्यन का हवाला देते हुए बताया कि, इस अध्यन से महिलाओं के संबंध में कई और बातों को भी जाना जा सकता है, महिला चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा और खाने से संबंधी विकार है।
इस तरह किया गया अध्यन
अल्जाइमर रोग से जुड़े अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने एक विशेष प्रकार के सीटी स्कैन का इस्तेमाल किया इस अध्यन को अब तक का सबसे बड़ा मस्तिष्क इमेजिंग सर्वेक्षण भी बताया जा रहा है। अध्यन से पहले वैज्ञानिकों की टीम ने लगभग 100 क्लिनिकों और अस्पतालों से 46,000 से ज्यादा मस्तिष्क के स्कैनों ( Worlds largest brain ) की तुलना की। इस दौरान उन्होंने उन सभी स्कैनों के ज़रिये पुरुषों ( men brains ) और महिलाओं में मस्तिष्क ( Female brains ) के बीच के अंतर को बारीकी से समझा। इसमें सामने आया कि, दिमाग से संबंधित विकार पुरुषों और महिलाओं को किस तरह अलग अलग तरीके से बांटते हैं। डॉ. टंडन ने बताया कि, बताया कि, शोधकर्ताओं ने अध्यन ( scientific reason ) में अल्जाइमर रोग को उदाहरण के लिए इसलिए चुना क्योंकि, इसमें महिलाओं को डिप्रेशन और घबराहट संबंधी विकारों के होने की अधिक संभावनाए होती है, जबकि पुरुषों में सही से ध्यान का न लगना उच्च सक्रियता विकार (एडीएचडी) और आचरण संबंधी विकार पाए जाते हैं।
डॉ.टंडन ने इस अध्यन का विश्लेषण करते इसके कुछ खास कारण बताए। जिससे हम आसानी से समझ सकते हैं कि, कैसे महिलाओं का दिमाग पुरुषों के मुकाबले अधिक सक्रिय होता है।
1-दो क्षेत्रों में ज्यादा सक्रीय होती हैं महिलाएं
अध्यन के मुताबिक, महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में खासतौर पर दो क्षेत्रों में काफी अधिक सक्रिय दिखा। इनमें एक तो फोकस था और दूसरा था आवेग नियंत्रण। हालांकि, ये दोनो ही क्षेत्र मेडिकल भाषा में प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और लिम्बिक सिस्टम यानी मनोदशा और चिंता का कारण माने जाते हैं। इससे सिद्ध हुआ कि, महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले किसी परिस्थिति को बरदाश्त करने की क्षमता ज्यादा होती है, साथी ही किसी स्तिति को लेकर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा चिंतित हो जाती हैं।
2-मस्तिष्क में नहीं होता बदलाव
पुरुषों की तुलना में, स्वस्थ महिलाओं के मस्तिष्क में कोई खास बदलाव नहीं होता है (पी <0.01) पर ROI (Region of Interest) 65 बेसलाइन और 48 एकाग्रता वाले क्षेत्रों (पी <0.01 सही) में बढ़ा हुआ होता है। इसी वजह से महिलाएं अधिकतर काम को एकाग्रता और रुची के साथ करने में सक्षम होती हैं।
3-ये है सक्रीयता की बड़ी वजह
महिलाओं में अल्जाइमर रोग, डिप्रेशन और घबराहट जैसी समस्याएं होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। शोध के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के प्रीफ्रैंटल कॉर्टक्स में ज्यादा रक्त का प्रवाह होता है। इसी को देखते हुए स्पष्ट हुआ कि, महिलाओं में सहानुभूति, इनटयुशन, सहभागिता, आत्म-नियंत्रण और उचित समय चिंता दिखाने जैसे गुण पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होते हैं।
4-लेती हैं ज्यादा नींद
शोध में ये बात भी सामने आई कि, औसतन महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक नींद की जरुरत होती है। लगभग 20 मिनट ज्यादा, ताकि वो अगले दिन अधिक ऊर्जा के साथ अपने कामों को कर सकें और फ्रेश भी दिख सकें।
5-दिमाग में फ्लूइड का प्रवाह होता है ज्यादा
शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार यह ज्ञात होता है कि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मस्तिष्क के पप्रीफ्रंटल कोर्टेक्स और लिम्बिक सिस्टम में ब्लड का प्रवाह ज्यादा होता है। साथ ही उसमें फ्लूइड की मात्रा भी ज्यादा होती है, यही कारण है कि, उनका दिमाग कई क्षेत्रों में पुरुषों की तलना में ज्यादा सक्रीय होता है। इसलिए वो ज्यादातर कामों को पूर्ण एकाग्रता और रुची से करने का सामर्थ्य रखती हैं। उनका इनटयुशन, आत्म-नियंत्रण आदि भी अधिक सशक्त होता हैं।
Published on:
26 Jun 2019 04:36 pm
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