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सिंधिया समर्थक MLA की गई विधायिकी तो भाजपा नेता ने बांट दी मिठाई, वीडियो वायरल

-बीजेपी नेता लड्डू राम कोरी का लड्डू बांटते वीडियो वायरल-MLA जजपाल सिंह जज्जी की विधायिकी जाने पर बांटे लड्डू-सिंधिया समर्थक नेता हैं जजपाल सिंह जज्जी-लड्डू राम कोरी ने चुनाव हारने पर कोर्ट में लगाई थी याचिका

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सिंधिया समर्थक MLA की गई विधायिकी तो भाजपा नेता ने बांट दी मिठाई, वीडियो वायरल

भारतीय जनता पार्टी के विधायक जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता भी निरस्त कर दी गई है। सिंधिया समर्थक नेता के खिलाफ आए इस आदेश के बाद बीजेपी नेता लड्डू राम कोरी का लड्डू बांटते हुए वीडियो सामने आया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एकल पीठ ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, अशोकनगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ कोर्ट ने 50 हजार जुर्माना भी लगाया है। आपको बता दें कि, बीजेपी नेता लड्डू राम कोरी ही वो नेता हैं, जिन्होंने जजपाल सिंह से चुनाव हारने के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने के संबंध में याचिका दायर की थी।


हालांकि, इन लड्डुओं के जरिए एक बार फिर भाजपा में कलह की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसे मध्य प्रदेश भाजपा और सरकार अकसर नकारती आई है। ये तस्वीरें पुराने भाजपाईयों और दूसरी पार्टियों, जिनमें खासकर कांग्रेस से आने वाले नेताओं के बीच की तनातनी की बात साबित करती है। कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर तो खूब चर्चा होती है, लेकिन बीजेपी के अंदर होने वाली इस खींचतान पर ज़ाहिर तौर पर अकसर चुप्पी साध ली जाती है। लेकिन बीजेपी के पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता और नेता पार्टी में 'बाहरी लोगों' के दबदबे से नाराज़ हैं और इसे लेकर भीतर ही भीतर एक गहरा असंतोष है, जो इसी तरह की तस्वीरों के जरिए अकसर सामने आता रहता है।

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उठ सकता है पुराने वर्सेज नए का मुद्दा

जिस समय कांग्रेस का हाथ छोड़ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थामा था, तभी उनके सैंकड़ों समर्थक भी उनके साथ भाजपा में आ गए थे। इनमें कई ऐसे भी वफादार थे, जिन्हें शिवराज मंत्रिमंडल तक में स्थान मिला। अब गुजरात चुनाव के बाद एक बार फिर कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट है और ऐसे में पुराने वर्सेज नए की चर्चा उठ सकती है। हालांकि विस्तार हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से फैसला होने की संभावना अधिक है। लेकिन, लंबे समय से बीजेपी के पुराने नेता उपेक्षा और पिछड़ने की शिकायत कर रहे हैं। ऐसे में अगर फिर सिंधिया खेमे के नेताओं को तरजीह मिली या हाल में आए अन्य लोगों को जगह दी जाएगी, इस मुद्दे के तूल पकड़ने की संभावना भी अधिक है।