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सावन में घर पर ही करें शिव पूजन, शिव कृपा के लिए पूजा का सबसे आसान तरीका, Watch Video कैसे करें जलाभिषेक

पत्रिका.कॉम के इस लेख में भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद तिवारी आपको बता रहे हैं सावन के इस महीने में घर पर रहकर आप कैसे शिव जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं? तो आइए जानते हैं शिवजी का की कृपा पाने पूजा करने का सबसे आसान तरीका...

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भोपाल। श्रावण या सावन का महीना मंगलवार 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हुआ है और 31 अगस्त तक चलेगा। सावन के इस पवित्र माह में भगवान शंकर, मां पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेयजी और उनके सभी गणों की पूजा की जाती है। लेकिन कई लोग इस उलझन में रहते हैं कि घर में कैसे शिव पूजा करें, कुछ गलती हो गई तो... कई बार उन्हें इस बात को लेकर परेशान होना पड़ता है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद तिवारी आपको बता रहे हैं सावन के इस महीने में घर पर रहकर आप कैसे शिव जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं? तो आइए जानते हैं शिवजी का की कृपा पाने पूजा करने का सबसे आसान तरीका...

रखनी होगी जरा सी सावधानी
आपको सावन के इस महीने की पूजा-पाठ में कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे भगवान शिव को तुलसी का पत्ता, केतकी, कनेर, कमल, चंपा, केवड़ा, दुपहरिका, गुड़हल, मालती, चमेली, कुंद, जूही के फूल, कुमकुम, हल्दी, नारियल, टूटे चावल, लाल चंदन, शंख से जल, तिल, सिंदूर आदि चीजें अर्पित नहीं की जाती हैं। इसलिए ऐसा न करें।

कोई भी उपचार चुनें और कर लें शिव पूजा
आपको बता दें कि शिव पूजा के 16 उपचार होते हैं- 1. पांच उपचार, 2. दस उपचार, 3. सोलह उपचार।

क्या है पांच उपचार
गंध, पुष्प, धूप, दीप और नेवैद्य।

क्या है दस उपचार
पाद्य, अघ्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र निवेदन, गंध, पुष्प, धूप, दीप और नेवैद्य।

क्या है सोलह उपचार पाद्य, अघ्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, आचमन, ताम्बुल, स्तवपाठ, तर्पण और नमस्कार। पूजन के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाना चाहिए। इन तीनों उपचारों में से आप किसी एक उपचार को चुन लें और उसके मुताबिक ही शिवपूजन करें।

अब जानें कैसे करें शिव पूजा
शिव पूजन में शुद्धता और सात्विकता सबसे पहला काम है। इसलिए इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत होकर शिवजी का स्मरण करते हुए आपको व्रत और उपवास का पालन करते हुए पूजन-भजन करना चाहिए। इसके बाद फॉलो करें ये प्वॉइंट्स

1. नित्य कर्म से फ्री होकर अपने शिवजी की मूर्ति, चित्र या शिवलिंग को सफेद या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रख दें।

2. अब मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो, उसे अच्छे से साफ करें।

3. पूजन में शिवजी के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए।

4. ध्यान रखें कि जलाए गए दीपक को खुद न बुझाएं।

5. फिर शिवजी के मस्तक पर सफेद चंदन और चावल लगाएं।

6. अब उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।

7. अब उनकी आरती उतारें।

8. पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, हीना, अबीर, गुलाल, मोगरा आदि) लगाना चाहिए।

9. पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं।

10. ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है।

11. अंत में आरती करें। आरती के बाद नैवेद्य चढ़ाकर पूजा संपन्न हो जाएगी।

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आप जब भी घर में या मंदिर में कोई विशेष पूजा करें, तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता। लेकिन विस्तृत पूजा तो पंडित ही करता है। विशेष पूजन पंडित की मदद से ही करवाना चाहिए, ताकि पूजा विधिवत हो सके।

यहां देखें घर पर कैसे करें जलाभिषेक-

यहां जानें शिव पूजन की विशेष तिथि

1. मौना पंचमी- 7 जुलाई

2. शुक्र प्रदोष व्रत- 14 जुलाई

3. सावन शिवरात्रि- 15 जुलाई

4. सावन अमावस्या- 17 जुलाई

5. रवि प्रदोष व्रत- 13 जुलाई

6. रवि प्रदोष व्रत - 30 जुलाई

7. मासिक शिवरात्रि- 14 अगस्त

8. नाग पंचमी- 21 अगस्त

9. सोम प्रदोष व्रत- 28 अगस्त

10. सावन पूर्णिमा- 31 अगस्त

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